विराट कोहली को लेकर Ravi Shastri ने किया बड़ा खुलासा, कहा – “न कोचिंग देगा, न कमेंट्री करेगा”

रवि शास्त्री ने साफ किया कि Virat Kohli क्रिकेट से रिटायर होने के बाद मैदान में दोबारा नहीं लौटेंगे। न वो कोच बनेंगे और न ही कमेंट्री करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि इंग्लैंड दौरे पर कोहली की सबसे ज्यादा कमी महसूस होगी। जानिए क्यों विराट का फैसला क्रिकेट के लिए अहम है।

टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने एक इंटरव्यू में विराट कोहली को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विराट कोहली जब क्रिकेट छोड़ेंगे तो दोबारा कभी मैदान से जुड़ेंगे नहीं। यानी न वो कोचिंग देंगे, न कमेंट्री करेंगे। शास्त्री ने ये भी कहा कि इंग्लैंड जैसे टूर पर कोहली की आक्रामकता और जोश की कमी टीम को जरूर खलेगी। जानकारी दे दें कि विराट कोहली अब टेस्ट और टी20 से रिटायर हो चुके हैं और वनडे उनका आखिरी फॉर्मेट है।

रवि शास्त्री ने स्पोर्ट्स स्टार के कॉलम में लिखा, “विराट कोहली को मैं करीब से जानता हूं। एक बार अगर वो क्रिकेट छोड़ देंगे, तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे। वो न कोचिंग करेंगे और न ही माइक पकड़ेंगे।” शास्त्री के मुताबिक विराट का फोकस हमेशा आगे बढ़ने में रहा है, न कि बीते कल से जुड़ने में। उनका मानना है कि कोहली जैसे खिलाड़ी मैदान पर अपनी एनर्जी और जोश से दर्शकों और टीम में जान डाल देते हैं।

टीम इंडिया के लिए ये बड़ा झटका: रवि शास्त्री

हालांकि कोहली के फैंस भले ये उम्मीद कर रहे हों कि रिटायरमेंट के बाद वो बतौर कोच या कमेंटेटर वापस आएंगे, लेकिन शास्त्री की बातों से साफ है कि कोहली पूरी तरह से क्रिकेट से अलग हो सकते हैं। इंग्लैंड टूर पर कोहली की कमी इसलिए भी महसूस होगी क्योंकि वो वहां हमेशा जोश से भरे नजर आते थे और विपक्षी टीमों के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों का एक अलग नजरिया पेश करते थे। हालांकि विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर फैंस बड़ा झटका दिया है। रवि शास्त्री ने कहा, “कोहली का मैदान पर रहना ही टेस्ट क्रिकेट के लिए बड़ा मोटिवेशन था। उन्होंने युवाओं को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करना सिखाया।”

कोहली को पिछले दशक का सबसे बड़ा क्रिकेटर बताया

रवि शास्त्री के मुताबिक विराट कोहली टेस्ट में सिर्फ रन नहीं बनाते थे, वो टीम को एक दिशा भी देते थे। उनका फाइटिंग एटीट्यूड, फील्ड पर हर गेंद पर रिएक्शन देना, और हर विकेट पर जोश से जश्न मनाना ये सब चीजें उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती थीं। उनके जाने से न सिर्फ एक बल्लेबाज बल्कि एक लीडर भी टीम से बाहर हो गया है। रवि शास्त्री ने कोहली को पिछले दशक का सबसे बड़ा क्रिकेटर बताया है। उन्होंने कहा, “दुनियाभर के फैंस टेस्ट में सिर्फ विराट की बैटिंग देखने के लिए मैदान में आते थे।” विरोधी टीमों के खिलाफ उनकी यही आक्रामकता और आत्मविश्वास से भरी बॉडी लैंग्वेज भारतीय क्रिकेट के लिए मिसाल बनी।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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