12 मई 2025 को जब विराट कोहली ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान किया, तो यह खबर फैंस और क्रिकेट के दिग्गजों के लिए किसी झटके से कम नहीं थी। कई लोगों ने इसे कोहली का निजी फैसला माना, लेकिन अब रवि शास्त्री का बयान सामने आने के बाद मामला और गंभीर होता दिख रहा है। दरअसल पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने इसे ‘दुखद’ और ‘बेहतर तरीके से न संभाले जाने वाला मामला’ बताया है। उन्होंने यहां तक कहा कि वह होते तो कोहली को दोबारा कप्तान बना देते।
दरअसल रवि शास्त्री ने अपने बयान में संकेत दिए हैं कि कोहली का रिटायरमेंट उतना ‘स्वाभाविक’ नहीं था जितना दिखाया गया। उन्होंने कहा कि एक दिग्गज खिलाड़ी का इस तरह अचानक अलविदा कहना दुखद है। शास्त्री के मुताबिक, कोहली की टेस्ट कप्तानी और उनका जुझारू अंदाज़ भारत को एक नई पहचान देता था।

जानिए क्या बोले रवि शास्त्री
दरअसल उन्होंने कहा कि, “विराट का योगदान सिर्फ आंकड़ों में नहीं है। उन्होंने लॉर्ड्स जैसे मुश्किल मैदानों पर जिस तरह की कप्तानी और बल्लेबाज़ी की, वो अद्भुत थी। जब वह गए, तब लोगों को अहसास हुआ कि हमने क्या खो दिया।” कोहली ने 123 टेस्ट में 9230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। रवि शास्त्री के अनुसार, विराट को कप्तानी से हटाने के बजाय उन्हें फिर से नेतृत्व की जिम्मेदारी दी जा सकती थी, खासकर ऑस्ट्रेलिया सीरीज जैसे बड़े मौके पर।
क्या बीसीसीआई की भूमिका रही विवादित?
बता दें कि विराट कोहली और बीसीसीआई के रिश्ते पिछले कुछ सालों में कई बार चर्चा में रहे हैं। खासकर जब कोहली को वनडे कप्तानी से हटाया गया और बाद में उन्होंने खुद टी20 की कप्तानी छोड़ी थी। अब टेस्ट से भी उनके हटने पर पुराने सवाल फिर से उठ रहे हैं। रवि शास्त्री ने कहा कि यदि बातचीत और समर्थन होता तो चीज़ें अलग हो सकती थीं। उन्होंने बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब किसी खिलाड़ी का कद इतना बड़ा हो, तो उसे सम्मानपूर्वक और योजना के तहत बाहर किया जाना चाहिए।”
दरअसल रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले ही रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट से अलविदा लिया था। ऐसे में कोहली का भी जल्दी-जल्दी रिटायर होना संदेह पैदा करता है कि क्या अंदरूनी राजनीति या दबाव इसके पीछे थे।