ऋषभ पंत के इस निर्णय पर भड़के रविचंद्रन अश्विन! बताया टीम के खिलाफ और गेंदबाज़ की बेइज्जती

आईपीएल 2025 में ऋषभ पंत ने मांकड़िंग की अपील वापस लेकर खेल भावना दिखाई, जिसकी खूब तारीफ हुई। लेकिन आर अश्विन इससे सहमत नहीं दिखाई दी रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पंत का यह फैसला गेंदबाज़ के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है और ये एक कप्तान के लिए गलत मिसाल है।

आईपीएल 2025 का आखिरी लीग मैच एलएसजी और आरसीबी के बीच खेला गया था। ये मैच कई मोमेंट्स के लिए चर्चा में रहा, लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा ऋषभ पंत का मांकड़िंग की अपील वापस लेना। दरअसल उन्होंने जितेश शर्मा के खिलाफ रन आउट की अपील को वापस लेकर खेल भावना दिखाई, जिसकी जमकर तारीफ हुई। लेकिन भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस फैसले से नाराज़ हैं। दरअसल उन्होंने इसे गेंदबाज़ के आत्मसम्मान के खिलाफ बताया और कहा कि पब्लिकली ऐसा करना खिलाड़ी का मनोबल तोड़ सकता है।

दरअसल रविचंद्रन अश्विन, जो खुद मांकड़िंग के बड़े समर्थक हैं, ने अपने यूट्यूब शो में इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर बल्लेबाज क्रीज़ से बाहर है, तो उसे रन आउट करना नियमों के तहत सही है। लेकिन दिग्वेश राठी ने जब जितेश शर्मा को नॉन-स्ट्राइकर एंड पर रन आउट करने की कोशिश की, तब रीप्ले में दिखा कि वह डिलीवरी स्ट्राइड पूरी कर चुके थे, इसलिए फैसला नॉट आउट आया।

जानिए क्या बोले रविचंद्रन अश्विन

हालांकि रविचंद्रन अश्विन का गुस्सा इस बात पर था कि पंत ने सार्वजनिक रूप से अपने गेंदबाज़ के फैसले को खारिज किया। उन्होंने कहा कि एक कप्तान का काम होता है अपने खिलाड़ी का समर्थन करना, न कि उसे सबके सामने नीचा दिखाना।दरअसल उन्होंने यह भी जोड़ा कि कमेंट्री में इसे ‘खेल भावना’ कहा गया, लेकिन यह गेंदबाज़ की भावना को आहत कर सकता है। खासकर एक युवा गेंदबाज़ जब IPL जैसे बड़े मंच पर खेल रहा हो, तब ऐसा फैसला उसके आत्मविश्वास को हिला सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि मांकड़िंग यानी नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज़ को रन आउट करना क्रिकेट में हमेशा से ही विवादों में रहा है। दरअसल अश्विन खुद 2019 में आईपीएल में जोस बटलर को इसी तरीके से आउट कर चुके हैं और तब से लेकर अब तक इस नियम को लेकर बहस चलती रही है। कुछ लोग इसे अनस्पोर्टिंग मानते हैं तो कुछ इसे पूरी तरह नियम के दायरे में।

दो जिससे में बटी क्रिकेट की दुनिया

हालांकि इस बार मामला इसलिए और गर्माया क्योंकि जब अंपायर पहले ही फैसला दे चुके थे, तब कप्तान ने हस्तक्षेप कर अपील वापस ले ली। वहीं अब अश्विन ने सवाल उठाया कि जब गेंदबाज़ ने सही देखा और अपील की, तब कप्तान को उसकी बात का सम्मान करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो गेंदबाज़ दो बार सोचेंगे कि वे अपील करें या नहीं, जिससे टीम के फैसलों पर असर पड़ेगा। वहीं इस पूरे मामले ने क्रिकेट की दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है। एक ओर पंत की तारीफ हो रही है कि उन्होंने खेल भावना को प्राथमिकता दी गई है, वहीं दूसरी ओर अश्विन और कुछ अन्य विशेषज्ञ इसे गलत फैसला मान रहे हैं। इस मामले में पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने कहा कि पंत ने भले ही खेल भावना दिखाई हो, लेकिन आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में हर फैसला टीम की रणनीति के हिसाब से होना चाहिए।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News