रविंद्र जड़ेजा ने शतक जड़कर हासिल की नई उपलब्धि, ऐसा करने वाले बने तीसरे भारतीय खिलाड़ी

एक ओर रोहित शर्मा ने शतक लगाकर कई कीर्तिमान गढ़े। वहीं दूसरी तरफ रविंद्र जड़ेजा ने भी शानदार शतकीय पारी खेली, जिसकी बदौलत नई कामयाबी हासिल की है।

Ravindra Jadeja

Ind vs Eng Ravindra Jadeja: इंग्लैंड के खिलाफ भारत घरेलू मैदान पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रहा है, जिसका तीसरा मुकाबला आज यानी गुरुवार से खेला जा रहा है। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने 5 विकेट खोकर 326 रन बनाई। वहीं इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा के साथ रविंद्र जड़ेजा ने कमाल की पारी खेली। एक ओर रोहित शर्मा ने शतक लगाकर कई कीर्तिमान गढ़े। वहीं दूसरी तरफ रविंद्र जड़ेजा ने भी शानदार शतकीय पारी खेली, जिसकी बदौलत नई कामयाबी हासिल की है। आइए जानते हैं कि जड़ेजा ने कौन सी उपलब्धि हासिल की है।

ऐसा करने वाले बने तीसरे भारतीय खिलाड़ी

इंग्लैंड के खिलाफ रविंद्र जड़ेजा ने बेहतरी पारी खेलते हुए शानदार शतक जड़ा। पहले दिन का खेल खत्म होने तक 212 गेंदों में 2 छक्के  और 9 चौके की मदद से 110 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए हैं। इस पारी के बदौलत जड़ेजा ने अंतर्राष्ट्रय टेस्ट क्रिकेट में अपने 3000 रनों का आंकड़ा पार करते हुए 3003 रन बना लिए हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में 3 हजार रन और 250 विकेट लेने वाले भारत के तीसरे खिलाड़ी बन चुके हैं। रविंद्र जड़ेजा ने टेस्ट क्रिकेट में अभी तक कुल 280 विकेट लिए हैं। इससे पहले ऐसा दो भारतीय खिलाड़ियों ने कारनामा किया है। जिसमें रविचंद्रन अश्विन और कपिल देव के नाम शामिल हैं। आपको बता दें अश्विन टेस्ट क्रिकेट में कुल 3271 रन बनाए हैं और 499 विकेट हासिल किए हैं। वहीं कपिल देव टेस्ट क्रिकेट में कुल 5248 रन बनाए हैं साथ ही 434 विकेट भी हासिल किए हैं।

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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।