रविंद्र जडेजा ने किया बड़ा खुलासा! धोनी-कोहली के बाद ये खिलाड़ी बन सकता था सुपरस्टार, लेकिन उसके साथ हुआ कुछ ऐसा….

भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने खुलासा किया कि सौरभ तिवारी में वो काबिलियत थी जो उन्हें विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के बाद अगला बड़ा क्रिकेट स्टार बना सकती थी। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और ये टैलेंट इंटरनेशनल क्रिकेट में गुमनाम रह गया।

टीम इंडिया के भरोसेमंद ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में सौरभ तिवारी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। दरअसल उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी विराट कोहली और धोनी के बाद सुपरस्टार बन सकता था, तो वो सौरभ तिवारी थे। उनके अंदर वो आत्मविश्वास, पावर, और मैच के दौरान ठहराव था जो उन्हें लंबी रेस का घोड़ा बना सकता था। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा हो नहीं पाया और उनका करियर जल्दी ही खत्म हो गया।

हालांकि यह बात सुनकर आप भी चौंक सकते हैं कि भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई खिलाड़ी आए जिन्होंने भारत के लिए अंडर 19 टीम में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन नेशनल टीम में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाए। इनमे से एक उन्मुक्त चंद भी रहे जिनके बारे में खूब चर्चाएं हुई लेकिन वे भी भारत के लिए क्रिकेट नहीं खेल पाए।

सौरभ तिवारी को माना जाता था ‘छक्कों का बादशाह’

दरअसल सौरभ तिवारी का घरेलू क्रिकेट रिकॉर्ड बताता है कि वो कितने प्रतिभाशाली थे। झारखंड से आने वाले इस लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज को शुरुआती दौर में ‘सिक्स हिटिंग मशीन’ कहा जाता था। IPL में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे डेब्यू किया। लेकिन टीम इंडिया में उनका सफर केवल 3 मैचों तक ही सीमित रहा जिसमें वो सिर्फ 49 रन ही बना सके। ऐसे में अगर उनके फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने 116 मैचों में 8076 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, टी20 फॉर्मेट में 181 मैच खेलकर 3454 रन अपने नाम किए, जिसमें 16 हाफ सेंचुरी शामिल हैं। IPL में भी तिवारी ने मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स जैसी बड़ी टीमों के लिए खेला।

रवींद्र जडेजा ने बताया क्यों टूट गया सौरभ तिवारी का सपना

दरअसल उनकी बल्लेबाज़ी में धोनी जैसी ताकत और अंदाज था, इसी वजह से कई बार उनकी तुलना धोनी से भी की गई थी। लेकिन लगातार चोटें, खराब फॉर्म और चयन में अनदेखी ने उनका करियर प्रभावित किया। रवींद्र जडेजा और सौरभ तिवारी दोनों ही अंडर-19 टीम के साथी रह चुके हैं। जडेजा ने कहा कि जब उन्होंने तिवारी को पहली बार खेलते देखा, तब ही उन्हें लगा कि ये खिलाड़ी एक दिन भारत के लिए लंबा खेलेगा। उन्होंने कहा, “सौरभ के पास पावर थी, शॉट सेलेक्शन जबरदस्त था और टेंपरामेंट भी मैच फिनिश करने जैसा था। लेकिन शायद कहीं ना कहीं किस्मत ने साथ नहीं दिया या कुछ ऐसा हुआ कि वह इंटरनेशनल लेवल पर परफॉर्म नहीं कर पाए।”


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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