रवींद्र जडेजा की इस गलती को BCCI ने क्यों किया नजरअंदाज? गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर भी नहीं मिली सजा!

रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में टीम के हित में BCCI की SOPs का उल्लंघन किया। लेकिन उनका फैसला इतना अहम साबित हुआ कि उन्हें इसके लिए कोई सजा नहीं मिली। जानिए क्या है पूरा मामला।

टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने एजबेस्टन टेस्ट में एक ऐसा कदम उठाया जो बीसीसीआई की नई गाइडलाइंस के खिलाफ था। लेकिन उन्होंने ये फैसला टीम के फायदे के लिए लिया और उसका असर भी साफ दिखा। जडेजा ने न सिर्फ लंबी पारी खेली, बल्कि कप्तान शुभमन गिल के साथ बड़ी साझेदारी कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। हालांकि दिलचस्प बात ये रही कि इसके लिए उन्होंने बोर्ड की मंजूरी का इंतजार नहीं किया, बल्कि मैदान पर जल्दी पहुंचकर खुद को तैयार किया।

दरअसल बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से सख्त SOP लागू किए थे, जिसके तहत कोई भी खिलाड़ी अकेले मैदान पर नहीं जा सकता। सभी को टीम बस में साथ आना होता है। लेकिन एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड ने नई गेंद ली थी और जडेजा 41 रन बनाकर नाबाद थे। दूसरे दिन उन्हें पता था कि नई गेंद से खेलना मुश्किल होगा। इसलिए उन्होंने टीम से पहले ही मैदान पर पहुंचने का फैसला लिया, ताकि खुद को नए दिन के पहले कुछ अतिरिक्त अभ्यास का समय मिल सके।

कैसे पहुंचा टीम को फायदा?

दरअसल रवींद्र जडेजा का ये कदम पूरी तरह टीम को ध्यान में रखकर लिया गया था। इसलिए बोर्ड ने इस उल्लंघन को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने सुबह की प्रैक्टिस का पूरा फायदा उठाया और दूसरी सुबह आते ही इंग्लिश गेंदबाजों को कड़ी टक्कर दी। जडेजा ने इस पारी में 89 रन बनाए और शुभमन गिल के साथ 203 रनों की साझेदारी कर टीम को 500 के पार पहुंचाया।

शुभमन गिल की कप्तानी में रिकॉर्ड्स की बारिश

जानकारी दे दें कि रवींद्र जडेजा की पारी से गिल को बड़ी मदद मिली, जिन्होंने खुद 269 रनों की रिकॉर्ड पारी खेली। यह बतौर भारतीय कप्तान किसी भी खिलाड़ी की SENA (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में सबसे बड़ी पारी बन गई है। शुभमन गिल इस मैच में टिके रहे और लगातार रन बनाते रहे। उन्होंने टेस्ट कप्तानी में अपनी क्लास भी दिखाई।

बता दें कि शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने पहली पारी में 587 रनों का स्कोर खड़ा किया, जो एजबेस्टन के मैदान पर किसी टूरिंग टीम का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका ने यहां 500+ रन बनाए थे, लेकिन मैच जीत नहीं पाए थे। ऐसे में अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या गिल इतिहास को बदल पाएंगे।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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