इस साल आरसीबी की टीम अलग ही अंदाज़ में खेल रही है, जिसके चलते यह लग रहा है कि टीम अपना पहला खिताब जीत सकती है। हालांकि मेगा ऑक्शन के बाद टीम को जमकर आलोचना का सामना करना पड़ा था। फैंस का कहना था कि टीम ने सिलेक्शन पर ध्यान नहीं दिया है और सही खिलाड़ियों को नहीं खरीदा है। लेकिन जब टीम मैदान में उतरी तो आरसीबी के खिलाड़ियों ने कमाल कर दिया और सभी फैंस की राय पूरी तरह से बदल दी। एक बार फिर यह उम्मीद जताई जा रही है कि टीम अपना पहला खिताब जीत सकती है। लेकिन टीम को इस मुकाम तक पहुंचाने में एक खिलाड़ी का बेहद अहम योगदान रहा है वह खिलाड़ी है सुयश शर्मा।
दरअसल, हाल ही में सुयश शर्मा ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि वे हर्निया की समस्या से जूझ रहे थे, जिसके कारण उनका इस आईपीएल में खेलना मुश्किल लग रहा था। उन्होंने लंदन में सर्जरी करवाई, जिसके बाद वे आईपीएल 2025 में खेलने के लिए मैदान में उतरे।

कैसे बदल दी RCB ने उनकी किस्मत?
बता दें कि सुयश शर्मा इस समय शानदार फॉर्म में हैं। आरसीबी को टेबल टॉपर बनाने में उनका अहम योगदान रहा है। लेकिन अब यह बात सामने आई है कि अगर सुयश शर्मा इस आईपीएल में टीम का हिस्सा नहीं होते, तो आरसीबी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती थीं। लेकिन उन्होंने सर्जरी के बाद टीम से जुड़ने का फैसला लिया और वे ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ खेले गए पहले ही मुकाबले में टीम से जुड़ गए। सुयश शर्मा ने बताया, “मुझे तीन हर्निया थे। ईमानदारी से कहूं तो मुझे पहले मैच में खेलने की कोई उम्मीद नहीं थी। मुझे बताया गया था कि मैं तीन या चार मैच बाद ही खेलूंगा क्योंकि यह एक बड़ी सर्जरी थी और आरसीबी ने मुझे सर्जरी के लिए लंदन भेजा था।”
मुझे दर्द में खेलने की आदत हो गई थी: सुयश शर्मा
आगे बोलते हुए सुयश शर्मा ने कहा, “लंदन में मेरी मुलाकात आरसीबी के फिजियो जेम्स पाइपी से हुई। उनके परिवार ने भी मेरी देखभाल अच्छे से की। मैं अब पूरी तरह से ठीक हूं। आरसीबी ने मुझ पर बहुत भरोसा दिखाया है, उन्होंने मुझ पर इन्वेस्ट किया है। मैं अपनी सर्जरी से बहुत खुश हूं। मैं पिछले दो साल से दर्द के साथ ही खेल रहा था। मुझे इससे बहुत परेशानी होती थी। मुझे दर्द में खेलने की आदत हो गई थी, लेकिन आरसीबी ने मुझे नया जीवन दिया है। मैं इस फ्रेंचाइज़ी के लिए खेलकर बहुत खुश हूं।”
इस दौरान सुयश शर्मा ने यह भी बताया कि कलाई के स्पिनरों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है कि अगर वे एक या दो हफ्ते गेंदबाज़ी नहीं करते हैं, तो कई चीज़ें गलत होने लगती हैं। उन्होंने बताया कि आईपीएल शुरू होने से पहले वे दो से तीन महीने तक बिस्तर पर थे, लेकिन टूर्नामेंट के दो हफ्ते पहले ही उन्होंने गेंदबाज़ी शुरू कर दी थी।