चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब भारतीय टीम ने जीता। यह भारत का तीसरा चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब था, जिसके चलते भारत इस टूर्नामेंट में सबसे सफल टीम बन गई। भारत की जीत में कई खिलाड़ियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। दरअसल, भारत की ओर से श्रेयस अय्यर ने चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाए, जबकि मोहम्मद शमी ने इस सीरीज में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लिए। भारत की इस ऐतिहासिक जीत के बाद क्रिकेट के कई दिग्गजों ने अपनी-अपनी राय रखी। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी भारत की जीत को लेकर बड़ा बयान दिया है।
दरअसल, रिकी पोंटिंग ने भारत की इस जीत का श्रेय विराट कोहली, रोहित शर्मा और श्रेयस अय्यर को नहीं, बल्कि किसी और ही खिलाड़ी को दिया है। उनके मुताबिक, भारत की जीत में इस खिलाड़ी ने सबसे अहम योगदान दिया है। उन्होंने भारत की जीत के पीछे इस खिलाड़ी को ही असल कारण माना है।

इस खिलाड़ी को बताया साइलेंट हीरो
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के मुताबिक, भारत की जीत में अक्षर पटेल का सबसे ज्यादा योगदान रहा। अक्षर पटेल ने न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी टीम को भरपूर योगदान दिया। अक्षर पटेल के इस प्रदर्शन के चलते ही भारत फाइनल तक पहुंचा और खिताब जीतने में कामयाब रहा। लेकिन पोंटिंग के मुताबिक, अक्षर पटेल चैंपियंस ट्रॉफी के साइलेंट हीरो रहे। आईसीसी के रिव्यू शो में बोलते हुए रिकी पोंटिंग ने कहा, “इस टूर्नामेंट में अपनी भूमिका के लिए अक्षर निश्चित रूप से बहुत अधिक श्रेय के हकदार हैं। उन्होंने अविश्वसनीय गेंदबाजी की है। उन्होंने भारत की टीम की गहराई को मजबूत किया।”
इस कारण से भारतीय टीम सबसे मजबूत टीम है
रिकी पोंटिंग ने भारत की टीम को लेकर कहा कि भारत के पास ऑलराउंडर खिलाड़ियों की भरमार है, जिससे यह इस समय सबसे संतुलित टीम है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास तेज गेंदबाजी में गहराई नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा, “भारत पहले से ही एक अच्छी टीम थी, लेकिन हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल जैसे ऑलराउंडर खिलाड़ियों के आ जाने से भारत को शानदार विकल्प मिले हैं। उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा जाता है और वे अपनी बल्लेबाजी में भी कमाल करते हैं। इन सबके अलावा, टीम में रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी भी हैं, जो इस टीम को और मजबूत बनाते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में एकमात्र सवाल यही था कि भारत के पास तेज गेंदबाजी के ज्यादा विकल्प नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद उनके प्रदर्शन में कोई कमी नहीं आई।”