Sachin Tendulkar: भारत में जब भी कोई क्रिकेटर संन्यास लेता है तो यही कयास लगाए जाते हैं कि वह बीसीसीआई में किसी न किसी उच्च पद पर काबिज होता हुआ नजर आने वाला है और क्रिकेटर भी खुद ही यही चाहते हैं। किसी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाती है तो कोई चीफ सेलेक्टर के रूप में नजर आता है।
पिछले 5 सालों के दौरान दो क्रिकेट के खिलाड़ी बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर दिखाई दिए हैं। सौरव गांगुली के बाद अब पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी को नया अध्यक्ष बनाया गया है। सचिन तेंदुलकर इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें अभी तक बीसीसीआई के इस तामझाम में जाते हुए नहीं देखा गया है। क्या वह इस पोस्ट पर काबिज होंगे? इस बारे में हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्हें बात करते हुए देखा गया है, जहां उन्होंने सौरव गांगुली के मजे भी ले लिए हैं।
Sachin Tendulkar होंगे BCCI का हिस्सा?
इंटरव्यू के दौरान जब सचिन से यह सवाल किया गया कि बीसीसीआई के पिछले दो अध्यक्ष वही रहे हैं जो पूर्व क्रिकेटर थे। पहले सौरव गांगुली और अब रोजर बिन्नी को जिम्मेदारी दी गई है, क्या आप कभी किसी पद की जिम्मेदारी लेंगे?
जवाब देते हुए तेंदुलकर ने कहा कि मैंने फास्ट बॉलिंग कभी भी नहीं की है जबकि सौरव खुद को फास्ट बॉलर मानते थे। उन्होंने पुराना किस्सा सुनाते हुए कहा कि टोरंटो में विकेट लेने के बाद गांगुली ने कहा था कि मैं थोड़ा और जोर लगा लूंगा तो 140 की स्पीड से बॉलिंग कर सकता हूं।
मैंने कहा कि दादा तू कर सकता है, उसने 2 दिन प्रैक्टिस की और अपनी पीठ पकड़ कर बैठ गया। बाद उसने कभी भी 140 के बारे में जिक्र नहीं किया और मैंने ना कभी 140 की स्पीड में गेंद डाली है और ना ही डाल पाऊंगा।
क्रिकेट को लेकर दो सलाह
सचिन तेंदुलकर को वनडे क्रिकेट के बारे में बात करते हुए भी देखा गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वनडे क्रिकेट को बचाने की जरूरत है 50 ओवर के क्रिकेट को दो भागों में बांट दिया जाना चाहिए।
पहले बैटिंग करने वाली टीम 25 ओवर खेलेगी और उसके बाद बॉलिंग करने वाली टीम को बचे ओवर में खेलने का मौका दिया जाएगा। 25 ओवर का गेम हो और सिलसिला चलता रहे और दोनों टीमों के पास सिर्फ 10 विकेट होना चाहिए। इसके अलावा उन्हें DRS के नियम और अंपायर्स कॉल विवाद पर बात करते हुए देखा गया।