सचिन तेंदुलकर के इस वर्ल्ड रिकार्ड को नहीं तोड़ पाया है आज तक कोई भी बल्लेबाज, क्या आगे होगा ऐसा?

सचिन तेंदुलकर ने 29 जून 2007 को वनडे क्रिकेट में 15,000 रन पूरे किए थे। पिछले 18 साल में कोई भी बल्लेबाज इस रिकॉर्ड के पास नहीं पहुंच सका है। तेंदुलकर के बनाए गए वनडे और इंटरनेशनल रन के रिकॉर्ड आज भी हर क्रिकेटर का सपना हैं, जिन्हें तोड़ना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है।

29 जून 2007 को सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बेलफास्ट में खेलते हुए वनडे क्रिकेट में 15,000 रन पूरे किए थे। ये उपलब्धि हासिल करने वाले वह दुनिया के पहले और अब तक इकलौते बल्लेबाज हैं। उस मैच में उन्होंने 93 रनों की शानदार पारी खेली थी और भारत को जीत दिलाई थी। यह सचिन के करियर का 387वां वनडे मैच था। उन्होंने अपनी 24 साल की करियर में जो रिकॉर्ड बनाए, वे आज भी क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हैं।

दरअसल सचिन तेंदुलकर ने 463 वनडे मैचों में 49 शतक और 96 अर्धशतक की मदद से कुल 18,426 रन बनाए हैं। उनका वनडे में सर्वश्रेष्ठ स्कोर 200* रहा, जो उन्होंने 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। ये वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक भी था। आज तक कोई दूसरा बल्लेबाज 15,000 वनडे रन का आंकड़ा नहीं छू सका है। विराट कोहली इस रिकॉर्ड के सबसे नजदीक हैं, लेकिन अब भी इस मुकाम से काफी दूर हैं। सचिन का यह रिकॉर्ड इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने इसे बिना टी20 वाली गति के हासिल किया था।

इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन

दरअसल सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट करियर सिर्फ वनडे तक सीमित नहीं था। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी 200 मैच खेले और 51 शतक की मदद से 15,921 रन बनाए। अगर वनडे, टेस्ट और एकमात्र टी20 इंटरनेशनल को मिलाकर देखें तो उन्होंने कुल 34357 रन बनाए, जो आज भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इस रिकॉर्ड के आसपास कोई भी खिलाड़ी नहीं पहुंच पाया है। श्रीलंका के कुमार संगाकारा दूसरे नंबर पर हैं, जिनके नाम 28016 रन दर्ज हैं। अंतर करीब 6300 रन का है, जो साबित करता है कि तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड फिलहाल अटूट ही रहेगा।

एक शानदार स्पिनर भी थे सचिन तेंदुलकर

दरअसल सचिन तेंदुलकर को सिर्फ रन बनाने के लिए नहीं जाना जाता, उन्होंने बॉलिंग में भी योगदान दिया है। वनडे में उन्होंने 154, टेस्ट में 46 और टी20 में 1 विकेट लिया। क्रिकेट इतिहास के कुछ चुनिंदा ऑलराउंड खिलाड़ियों में उनका नाम इसलिए भी शामिल किया जाता है क्योंकि उन्होंने ज़रूरत पड़ने पर गेंदबाज़ी से भी कई मैचों का पासा पलटा है। छह वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सचिन को 2011 में वर्ल्ड कप जीतने का मौका भी मिला, जिसे उन्होंने अपने करियर का सबसे खास पल बताया था।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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