भारतीय महिला क्रिकेट की दुनिया में कई नए चेहरे लगातार उभर रहे हैं, लेकिन सलोनी डंगोरे की कहानी सबसे अलग है। उन्होंने ना सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किए बिना, बल्कि महिला प्रीमियर लीग (WPL) में बिना खेले, 2025 की वेस्टइंडीज की प्रमुख महिला टी20 लीग WCPL में जगह बना ली है। त्रिनबागो नाइट राइडर्स (TKR) ने सलोनी को अपनी टीम में शामिल कर सभी को चौंका दिया है। यह भारतीय लेग स्पिन ऑलराउंडर अब लीग में शिखा पांडे, लिजेल ली और जेस जोनासेन जैसी खिलाड़ियों के साथ खेलेंगी।
सलोनी डंगोरे की क्रिकेट यात्रा बिल्कुल फिल्मी कहानी जैसी लगती है। इंदौर में जन्मी सलोनी शुरू में एथलेटिक्स में नेशनल लेवल की खिलाड़ी थीं। वह 100 मीटर, 200 मीटर रेस और लंबी कूद में प्रतिस्पर्धा करती थीं। लेकिन 17 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार क्रिकेट खेलना शुरू किया।

शुरुआत में उन्हें क्रिकेट से कोई खास लगाव नहीं था
हालांकि दिलचस्प बात ये है कि शुरुआत में उन्हें क्रिकेट से कोई खास लगाव नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे उनका झुकाव स्पिन गेंदबाजी की ओर हुआ। सलोनी खुद बताती हैं कि वो शेन वॉर्न की गेंदबाजी से इतनी प्रभावित थीं कि उनके वीडियो को स्लो मोशन में देखकर खुद स्पिन सीखी। सलोनी की पहचान एक गुगली स्पेशलिस्ट के रूप में भी है, क्योंकि उनकी ज्यादातर गेंदें इसी अंदाज में निकलती थीं। यही वजह थी कि बिना किसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के भी उन्होंने नेट बॉलर से WCPL तक का सफर तय कर लिया।
घरेलू क्रिकेट में संघर्ष रहा
दरअसल सलोनी डंगोरे ने 2017-18 में मध्य प्रदेश से घरेलू क्रिकेट की शुरुआत की थी। शुरुआती दो सीजन में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, जिसकी वजह से उनका प्रदर्शन भी चर्चा में नहीं रहा। लेकिन 2024-25 सीजन से पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ की टीम का रुख किया, और यहीं से उनका करियर ट्रैक पर आया। छत्तीसगढ़ के लिए खेले गए वनडे टूर्नामेंट में उन्होंने 6 मैचों में 15 विकेट चटकाए और 144 रन भी बनाए। ऑलराउंड परफॉर्मेंस के चलते उन्हें WCPL का कॉन्ट्रैक्ट मिला।
वहीं अब सलोनी डंगोरे पहली बार किसी विदेशी लीग में खेलते हुए नजर आएंगी, वो भी एक ऐसी टीम के लिए जिसमें इंटरनेशनल सितारे मौजूद हैं। यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है जो सीमित संसाधनों में क्रिकेट के सपने देख रही हैं।