भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन और एक बैटरी कंपनी के बीच चल रहे मामले में शिखर धवन को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, डीबी डिक्सन बैटरी कंपनी और क्रिकेटर शिखर धवन के बीच एक एग्रीमेंट को लेकर विवाद चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, कंपनी के साथ एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी कंपनी ने शिखर धवन की ब्रांड वैल्यू और तस्वीरों का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट का विज्ञापन किया। इसके बाद शिखर धवन ने दिल्ली हाईकोर्ट में डीवीडिक्शन बैटरी कंपनी के खिलाफ एक याचिका दायर की।
इस याचिका को स्वीकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शिखर धवन को एक बड़ी राहत दी। हाईकोर्ट ने बैटरी कंपनी को शिखर धवन की ब्रांड वैल्यू का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट बेचने पर रोक लगा दी है। अब यह बैटरी कंपनी शिखर धवन की तस्वीरों का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए नहीं कर सकेगी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शिखर धवन और डीवीडिक्शन के बीच का यह पूरा मामला एंडोर्समेंट एग्रीमेंट से जुड़ा हुआ है। इस एग्रीमेंट के तहत शिखर धवन की तस्वीरों का इस्तेमाल करने की अनुमति बैटरी कंपनी को थी, लेकिन एग्रीमेंट के 3 महीने बाद ही शिखर धवन और कंपनी के बीच विवाद हो गया। शिखर धवन के वकील रिजवान ने अदालत को जानकारी दी कि कंपनी के एंडोर्समेंट एग्रीमेंट का विवाद जब तक नहीं सुलझता, तब तक शिखर धवन की तस्वीरों का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने इस विवाद में एक आर्बिट्रेटर की नियुक्ति की मांग भी की।
हाईकोर्ट ने बैटरी कंपनी को निर्देश दिया
शिखर धवन के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि यह एग्रीमेंट 28 नवंबर 2024 को समाप्त हो चुका था, लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने विज्ञापन में शिखर धवन की तस्वीरों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, इस एग्रीमेंट के तहत 30,24,000 रुपए की राशि भी शिखर धवन को नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिखर धवन को राहत दी और बैटरी कंपनी को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक शिखर धवन की तस्वीरों का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए न किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी से इस याचिका पर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी 2025 को होगी।