टी20 मुंबई लीग के फाइनल में श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली मुंबई फाल्कंस को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। मराठा रॉयल्स ने इस मुकाबले में 5 विकेट से जीत दर्ज की और खिताब अपने नाम कर लिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई फाल्कंस ने 4 विकेट पर 157 रन बनाए, लेकिन मराठा रॉयल्स ने 4 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया।
दरअसल श्रेयस अय्यर के लिए पिछला एक हफ्ता किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। 3 जून 2025 को आईपीएल फाइनल में पंजाब किंग्स की कप्तानी करते हुए वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से हार गए थे, और अब टी20 मुंबई लीग का फाइनल भी हार बैठे। दोनों ही मुकाबलों में अय्यर की व्यक्तिगत बल्लेबाजी साधारण रही और वो टीम को ट्रॉफी नहीं दिला सके। मुंबई फाल्कंस के लिए फाइनल में अय्यर सिर्फ 12 रन बना सके। इससे पहले पंजाब के लिए भी आईपीएल फाइनल में उनका बल्ला नहीं चला था। लगातार दो फाइनल में मिली हार ने फैंस को निराश किया है और क्रिकेट के दिग्गजों के बीच भी यह चर्चा छिड़ गई है कि क्या अय्यर दबाव में उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पा रहे?
मराठा रॉयल्स की दमदार वापसी
दरअसल मराठा रॉयल्स के कप्तान सिद्धेश लाड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी और यह फैसला सही साबित हुआ। मुंबई फाल्कंस के लिए मयूरेश टंडेल ने शानदार नाबाद अर्धशतक लगाया और हर्ष अघव ने 28 गेंदों में नाबाद 45 रन की तेज पारी खेली। दोनों की साझेदारी से टीम ने 157 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। जवाब में मराठा रॉयल्स की शुरुआत धीमी रही, लेकिन चिन्मय सुतार ने 49 गेंदों में 53 रन बनाकर मैच की दिशा बदल दी। वहीं अवैस खान नौशाद के 38 रनों ने रन चेज को आसान कर दिया। आखिर में रॉयल्स ने मैच 4 गेंद पहले जीतकर खिताब अपने नाम किया। मुंबई फाल्कंस के गेंदबाज अंतिम ओवरों में दबाव नहीं संभाल सके।
क्या अय्यर के लिए फाइनल मुकाबले बनते जा रहे हैं चुनौती?
वहीं श्रेयस अय्यर एक बेहतरीन बल्लेबाज और कप्तान माने जाते हैं, लेकिन हाल के फाइनल मुकाबलों में उनका प्रदर्शन सवालों के घेरे में है। पंजाब किंग्स को आईपीएल ट्रॉफी दिलाने का सपना अधूरा रह गया और अब मुंबई फाल्कंस के साथ भी वैसा ही हुआ। दिग्गजों का मानना हैं कि अय्यर जैसे अनुभवी खिलाड़ी से दबाव वाले मैचों में बड़ी पारी की उम्मीद होती है, लेकिन लगातार दो अहम मुकाबलों में फ्लॉप होना चिंता का विषय है। जहां मयूरेश और हर्ष जैसे युवा खिलाड़ियों ने चमक दिखाई, वहीं कप्तान का बल्ला खामोश रहा। अब अय्यर को खुद को साबित करने के लिए आने वाले घरेलू और इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में बेहतर करना होगा।





