साउथ अफ्रीका को लगा करारा झटका, डीन एल्गर के बाद इस खिलाड़ी ने किया संन्यास का ऐलान

Shashank Baranwal
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South African player Heinrich Klaasen

Heinrich Klaasen has Retired from Tests Cricket: साउथ अफ्रीका को एक करारा झटका लगा है। टीम के दिग्गज खिलाड़ी हेनरी क्लासेन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला ले लिया है। हाल ही में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। जहां 1-1 की बढ़त के साथ सीरीज बराबह हो गई थी। वहीं इस सीरीज के बीच में डीन एल्गर ने संन्यास लेने का फैसला लिया था। वहीं अब हेनरी क्लासेन के संन्यास के फैसले नें सबको चौंका दिया है।

वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला अपना आखिरी टेस्ट मैच

साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज हेनरी क्लासेन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। फिलहाल टीम के लिए व्हाइट बॉल मैच खेलते रहेंगे। गौरतलब है कि हेनरी क्लासेन ने साल 2019 में साउथ अफ्रीकी टीम में डेब्यू किया था। जहां उन्होंने साल 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच खेला था। इस दौरान उन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर में सिर्फ 4 टेस्ट मैच खेले थे। जहां क्लासेन 8 पारियों में 13 की औसत से महज 104 रनों की पारी खेली थी। वहीं टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर 35 रन है।

भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं थे टीम में शामिल

हेनरी क्लासेन को भारत के खिलाफ टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम में जगह नहीं मिली थी। क्लासेन की जगह काइल वेरेने को मिली थी। वहीं खबरों के अनुसार उन्हें इस साल वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैच के सीरीज में जगह मिलने वाली थी। हालांकि अचानक ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।

वनडे और T20 में हेनरी क्लासेन का ऐसा रहा प्रदर्शन

साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज हेनरी क्लासेन ने वनड क्रिकेट में अब तक कुल 54 मैच खेले हैं। जहां उन्होंने 50 वनडे मैचों की पारियों में 40.07 के औसत से कुल 1723 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 4 शतक और 6 अर्धशतकीय पारी खेली है। जबकि उन्होंने कुल 43 T20 मैच खेल चुके हैं। जहां 39 पारियों में 22.56 के औसत से कुल 722 रन बनाए हैं। T20 में उन्होंने 4 अर्धशतकीय पारी खेली है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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