भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल (bhopal) के वॉलीबॉल खिलाड़ी (volleyball player) जिन्होंने राष्ट्रीय (national) और अंतरराष्ट्रीय (international) स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया, देश के लिए पदक जीता, उन्हें अंतिम सम्मान तक नहीं मिला। खिलाड़ी राजेश तिवारी (rajesh tiwari) के शव को पॉलीथिन में लपेटकर भुवनेश्वर (bhubaneshwar) से भोपाल भेज दिया गया। जिस एम्बुलेंस (ambulance) में उनका शव था वो नॉन-एसी थी और उसमें फ्रीजर तक नहीं था। शव dead body) के भोपाल पहुंचने तक 52 घंटे हो गए थे और शव खराब हो गया था।
मृतक खिलाड़ी राजेश के परिजनों और खेल- प्रेमियों ने शव के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया है। खासकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के खेल प्रेमी इस तरह के बर्ताव से काफी नाखुश हैं। उनका कहना है कि खेल भावनाओं को आहत किया गया है।
गौरतलब है कि खिलाड़ी राजेश का शव बीते सोमवार दोपहर को भुवनेश्वर के एक होटल में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था। राजेश रेलवे वॉलीबॉल टीम के कोच थे। खिलाड़ी के तौर पर रेलवे की वॉलिबॉल टीम को वो फ्रांस, पोलैंड जैसे देशों में जीत दिलवा चुके हैं। वहीं शव के अपमान को लेकर वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और रेलवे एक दूसरे पर इल्ज़ामात गढ़ रहे हैं।