BAN VS SL: बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में श्रीलंका ने खेली ऐतिहासिक पारी, भारत का 48 साला पुराना टूटा रिकॉर्ड

श्रीलंका ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए बगैर शतकीय पारी के बदौलत टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब हुई है।

Sri Lanka

BAN VS SL 2nd Test: बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है। जिसका दूसरा मुकाबला जहूर अहमद चौधरी क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। जहां पहली पारी में श्रीलंका ने ताबड़तोड़ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए एक रिकॉर्ड बनाने में कामयाबी हासिल की है। वहीं दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक बांग्लादेश ने 15 ओवर में 1 विकेट खोकर 55 रन बनाई है।

श्रीलंका ने पहली पारी में बनाया 531 रन

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका ने पहली पारी में 531 रनों का विशाल स्कोर बनाया। इस दौरान 6 खिलाड़ियों ने अर्धशतकीय पारी खेली, जिसमें दो खिलाड़ियों ने 90 से ज्यादा रन बनाया। लेकिन शतक लगाने से चूक गए। जहां कुशल मेंडिस ने 150 गेंदों में 1 छक्के और 11 चौके की मदद से 93 रनों की परी खेली। वहीं कमिंदु मेंडिस ने 167 गेंदों में 2 छक्के और 7 चौके की मदद से नाबाद 92 रनों की पारी खेली।

भारत का 48 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

श्रीलंका ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए बगैर शतकीय पारी के बदौलत टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब हुई है। इससे पहले 1976 में भारतीय टीम ने यह कारनामा किया था, जिसे 48 साल बाद आज यानी रविवार को श्रीलंकाई टीम ने तोड़ दिया।

बगैर शतक बनाए सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाली टीम

  • श्रीलंका बनाम बांग्लादेश- 531 रन 10 विकेट- 2024
  • भारत बनाम न्यूजीलैंड- 524 रन 9 विकेट- 1976
  • ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज- 520 रन 7 विकेट- 2009
  • साउथ अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया- 517 रन- 1998
  • पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया- 500 रन 8 विकेट- 1981

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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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