विराट कोहली को लेकर सुनील गावस्कर ने दिया बड़ा बयान, कहा – ‘कोहली को सचिन से सीखने की जरूरत’

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने विराट कोहली को सचिन तेंदुलकर से एक बड़ी सीख लेने की बात कही है। उन्होंने सचिन की 2003-04 की पारी को याद करते हुए कोहली को यह सलाह दी है। बता दें कि कोहली गाबा टेस्ट की पहली पारी में मात्र 3 रन के स्कोर पर आउट हो चुके हैं।

Rishabh Namdev
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भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने विराट कोहली को एक बड़ी सलाह दी है। दरअसल खराब फार्म से गुजर रहे विराट कोहली गाबा टेस्ट में भी मात्र तीन रन बनाकर पेवेलियन की ओर लौट गए। इसके बाद उनके फार्म को लेकर सवाल खड़े होने लगे। विराट कोहली ऑफ़ स्टंप की बॉल पर एज के चलते आउट हो गए। कोहली के बल्ले से बाहरी किनारा लगा और कीपर ने कैच लपक लिया। वहीं इस विकेट के बाद एक बार फिर कोहली के शॉट सिलेक्शन को लेकर सवाल उठने लगे।

ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली ऑफ स्टंप की बाल पर 3 बार आउट हो चुके हैं। जिसके चलते सुनील गावस्कर ने विराट कोहली को इससे बचने की सलाह दी है। विराट कोहली को उन्होंने सचिन तेंदुलकर से सीखने की सलाह दी है।

कोहली को सचिन से सीखने की जरूरत?

विराट कोहली के शॉट सिलेक्शन को लेकर सुनील गावस्कर ने कहा कि “कोहली शायद यह नहीं देख रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर ने 2004 में क्या किया था। सचिन ने भी पहले ऑफ़ स्टंप के बाहर की लाइन खेली थी, जिससे वह आउट हुए थे। लेकिन जब सचिन सिडनी में खेलने आए तो उन्होंने कवर ड्राइव के एरिया में नहीं खेलने का निर्णय लिया। उन्होंने गेंदबाजों के फॉलो थ्रू और मिड ऑफ फील्डर के दाएं ओर और बाकी जगह खेला। उन्होंने संकल्प लिया था कि कवर ड्राइव नहीं खेलना है। सिडनी में खेली गई इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 241 रन बनाए थे। ऐसे में कोहली को सचिन से सीखने की जरूरत है।”

हमेशा मेंटल कंट्रोल रखना चाहिए: सुनील गावस्कर

दरअसल विराट कोहली का खराब फार्म लंबे समय से जारी है। हालांकि पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में विराट कोहली ने शानदार शतक लड़ा था, लेकिन उसके बाद एडिलेड में भी विराट कोहली का बल्ला शांत रहा। वहीं अब गाबा टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली फ्लॉप नजर आए। इसे लेकर गावसकर ने यह बड़ा बयान दिया है। गावस्कर ने कहा कि “आपको हमेशा मेंटल कंट्रोल रखना चाहिए, 2003-04 की सीरीज में सचिन तेंदुलकर ने मेंटल कंट्रोल रखा था। उन्होंने कई बार कवर ड्राइव लगाने के चक्कर में विकेट गवाया लेकिन बाद में उन्होंने कवर ड्राइव न लगाने का फैसला किया और तेंदुलकर ने 436 गेंद पर नाबाद 241 रन बनाएं।”


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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