घरेलू क्रिकेट को लेकर सुरेश रैना का बड़ा बयान, कहा – ‘जब बाकी राज्यों की रणजी ट्रॉफी में 2 टीमें तो UP की क्यों नहीं? 4 टीमें होना चाहिए’

घरेलू क्रिकेट को लेकर भारत के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना ने बड़ा बयान दिया। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए चार रणजी ट्रॉफी टीमें होनी चाहिए, क्योंकि उत्तर प्रदेश के युवाओं को पर्याप्त मौके नहीं मिल पाते हैं। जानिए भारत के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना ने घरेलू क्रिकेट को लेकर क्या कहा।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर सुरेश रैना ने घरेलू क्रिकेट के बारे में बड़ी बात कही। उन्होंने उत्तर प्रदेश की चार टीमें बनाने का सुझाव दिया। दरअसल, सुरेश रैना अमर उजाला के एक इवेंट में पहुंचे थे, जहां उन्होंने घरेलू क्रिकेट पर बयान दिया। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है और इस राज्य की कम से कम चार टीमें होनी चाहिए। यहां खिलाड़ियों की कमी नहीं है, प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और शुरुआती दिनों में बेहद संघर्ष करना पड़ता है।

सुरेश रैना ने अपने शुरुआती क्रिकेट समय को याद किया और कहा कि शुरुआत में बेहद संघर्ष करना पड़ता है क्योंकि उत्तर प्रदेश में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है। खेलने वालों की कोई कमी नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों की भरमार है। वहीं, उन्होंने उत्तर प्रदेश के यंग खिलाड़ियों को लेकर भी बड़ी बातें कहीं। जानिए सुरेश रैना ने क्या कहा।

जानिए क्या बोले सुरेश रैना

जब उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को लेकर सुरेश रैना से पूछा गया कि आपको कौन से ऐसे खिलाड़ी नजर आते हैं जो भारतीय टीम के लिए खेल सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की भरमार है। उत्तर प्रदेश इतना बड़ा राज्य है कि यहां चार टीमें रणजी ट्रॉफी की हो सकती हैं। उनका कहना है कि उत्तर, दक्षिण और पश्चिम अलग हैं। आप देख सकते हैं कि गोरखपुर, बांदा, आजमगढ़, बनारस, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, बुलंदशहर, मेरठ, नोएडा, शाहजहांपुर, शामली – सभी जगह प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के लिए चार टीमें बनानी चाहिए।

सुरेश रैना का कहना इन राज्यों की भी कई टीमें

सुरेश रैना का कहना है कि जब इतने सारे खिलाड़ी हैं तो चार टीमों होने पर उन्हें मौके मिलेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा तुरंत नहीं होगा क्योंकि बीसीसीआई एक प्राइवेट बॉडी है और उसके स्टेट के कलर में अंतर होता है। महाराष्ट्र को देखिए, जहां पुणे की भी टीम है, मुंबई की भी टीम है; गुजरात में राजकोट की भी टीम और बड़ोदरा की भी टीम है। तो यूपी में भी क्यों नहीं हो सकता? उत्तर प्रदेश में 6-7 बड़े स्टेडियम हैं, बनारस में भी स्टेडियम बन रहे हैं, लखनऊ में पहले से बड़ा स्टेडियम है, और गाजियाबाद में भी स्टेडियम बन रहा है। मुझे लगता है कि अगर यहां चार टीमें बन जाएं तो यह बच्चों के लिए बेहद अच्छा होगा और उन्हें पर्याप्त मौके मिल सकेंगे।


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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