टीम इंडिया के सपोर्टिंग स्टाफ, कोच और खिलाड़ियों को कितना मिलता है BCCI से पैसा? क्या जानते हैं आप?

क्या आप जानते हैं भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच की फीस बीसीसीआई की ओर से तय की जाती है और उनकी सैलरी उनकी योग्यता और अनुभव पर निर्भर करती है, यानी मुख्य कोच की सैलरी में अंतर हो सकता है। हाल ही में बीसीसीआई द्वारा यह भी साफ किया गया है कि हेड कोच की सैलरी में नेगोशिएशन हो सकता है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड्स में आता है। बीसीसीआई द्वारा टीम इंडिया के हेड कोच और सपोर्टिंग स्टाफ का वेतन तय किया जाता है। इनकी सैलरी पूरी तरह से इनकी काबिलियत और अनुभव पर निर्भर करती है। दरअसल, मैच में तो सिर्फ खिलाड़ी ही नजर आते हैं, लेकिन टीम इंडिया के इन खिलाड़ियों को तैयारी करवाने में मैदान पर प्रैक्टिस के दौरान सपोर्टिंग स्टाफ और कोच जमकर पसीना बहाते हैं, ताकि हमारे खिलाड़ी अच्छे से खेलें और शानदार प्रदर्शन करें। जिस प्रकार बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों को मैच फीस दी जाती है, उसी प्रकार सपोर्टिंग स्टाफ और हेड कोच को भी बीसीसीआई की ओर से वेतन मिलता है।

ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि टीम इंडिया के हेड कोच को कितना वेतन मिलता है और हेड कोच के अलावा सपोर्टिंग स्टाफ को भी बीसीसीआई की ओर से कितना पैसा मिलता है। अगर आपके मन में भी यही सवाल है, तो चलिए जान लेते हैं कि बीसीसीआई की ओर से हेड कोच को कितनी सैलरी मिलती है।

हेड कोच को कितनी मिलती है सैलरी?

जानकारी दे दें कि हेड कोच को बीसीसीआई सालाना पैकेज प्रदान करता है, जबकि सपोर्टिंग स्टाफ को भी इसी प्रकार वेतन मिलता है। बीसीसीआई की ऑफिशियल वेबसाइट और ‘लाइव मिंट’ की एक रिपोर्ट की मानें, तो बीसीसीआई की ओर से हेड कोच को उनकी योग्यता और अनुभव के हिसाब से सैलरी प्रदान की जाती है। 2024 में बीसीसीआई की ओर से एक नियम लाया गया था, जिसके मुताबिक योग्यता और एक्स्ट्रा स्किल के अनुसार वेतन में नेगोशिएशन हो सकता है। लेकिन आमतौर पर देखा जाए, तो भारतीय टीम के हेड कोच को सालाना 10 से 12 करोड़ रुपए तक वेतन दिया जाता है, जो कि अनुबंध के तहत निर्धारित होता है। यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच दुनिया में सबसे अधिक वेतन लेने वाले कोचों में शामिल होते हैं।

जानिए सपोर्टिंग स्टाफ को भी बीसीसीआई कितना पैसा देता है

हेड कोच के अलावा सपोर्टिंग स्टाफ को भी बीसीसीआई की ओर से मोटी रकम दी जाती है। ‘क्रिकबज’ की एक रिपोर्ट की मानें, तो बीसीसीआई के सपोर्टिंग स्टाफ को भी उनके रोल और अनुभव के आधार पर वेतन मिलता है। कोचिंग स्टाफ और सपोर्टिंग स्टाफ में फिजियोथेरेपिस्ट, ट्रेनर्स, एनालिस्ट और अन्य सहायक एम्प्लॉय होते हैं। हेड कोच के स्टाफ में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग कोच होते हैं, जिन्हें सालाना तौर पर तीन से चार करोड़ रुपए दिए जाते हैं। जबकि फिजियोथेरेपिस्ट और ट्रेनर्स को साल के डेढ़ करोड़ से दो करोड़ रुपए दिए जाते हैं।वहीं, वीडियो एनालिसिस और टेक्निकल स्टाफ को 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक मिलते हैं। हालांकि यह वेतन उनके अनुभव और टेक्निकल स्किल्स पर निर्भर करता है। इसके अलावा इन्हें ट्रैवल भत्ता, आवास और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।

प्लेयर्स को कितनी मिलती है फीस?

बता दें कि क्रिकेट प्लेयर्स को भी बीसीसीआई की ओर से मैच फीस दी जाती है। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की एक रिपोर्ट की मानें, तो बीसीसीआई खिलाड़ियों को मैच फीस के रूप में मोटी रकम प्रदान करता है। 2022 की भुगतान नीति के मुताबिक, पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों खिलाड़ियों को एक समान ही फीस मिलती है। अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट मैच में प्लेइंग इलेवन में शामिल होता है, तो उसे 15 लाख रुपए और रिजर्व खिलाड़ी को 7.5 लाख रुपए दिए जाते हैं। जबकि अगर कोई खिलाड़ी वनडे मैच में प्लेइंग इलेवन में रहता है, तो उसे 6 लाख रुपए और रिजर्व खिलाड़ी को 3 लाख रुपए मिलते हैं। वहीं, टी20 मैच में प्लेइंग इलेवन में 3 लाख रुपए और रिजर्व को डेढ़ लाख रुपए दिए जाते हैं।


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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