भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे T20 मुकाबले में कन्कशन रूल को लेकर विवाद देखने को मिला था। दरअसल, शिवम दुबे के चोटिल हो जाने के बाद टीम ने हर्षित राणा को रिप्लेस किया था, जिसके बाद टीम पर बेईमानी के आरोप लगने लगे थे। अब इस मामले में गौतम गंभीर और हर्षित राणा के साथ-साथ मैच रेफरी भी सवालों के घेरे में आ सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात को लेकर विवाद छिड़ गया है कि मैच रेफरी ने भारतीय पक्ष में जानबूझकर फैसला दिया। कई यूजर्स का कहना है कि रेफरी भारतीय थे, इसलिए उन्होंने भारत के पक्ष में सब्सीट्यूट को मंजूरी दी। लेकिन आईसीसी को रेफरी की नियुक्ति हमेशा निष्पक्ष तरीके से करनी चाहिए।
पक्षपात और भ्रष्टाचार की ओर बढ़ रहा आईसीसी: क्रिस ब्रॉड
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और पूर्व मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने इस मामले पर बयान दिया है। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए आईसीसी को ऐसे रेफरी नियुक्त करने चाहिए जो पूरी तरह से निष्पक्ष हों। उन्होंने कहा, “आईसीसी क्यों पुराने जमाने की ओर जा रहा है, जब पक्षपात और भ्रष्टाचार हुआ करता था?” उनके इस बयान के बाद विवाद और बढ़ गया। कई लोग इस बयान के समर्थन में नजर आए, जबकि कुछ का कहना है कि आईसीसी को इस फैसले पर सख्त नियम बनाने चाहिए और रेफरी को इस तरह के निर्णय लेने की सख्त ट्रेनिंग देनी चाहिए।
Absolutely agree. How can an Indian Match Referee get away with allowing this Indian replacement? Match officials should be independent to omit bias!
— Chris Broad (@ChrisBroad3) February 1, 2025
केविन पीटरसन ने भी उठाए सवाल
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी केविन पीटरसन ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कमेंट्री के दौरान कहा था, “हर्षित राणा का रिप्लेसमेंट ‘लाइक-टू-लाइक’ नहीं था। आप पूरी दुनिया से पूछ सकते हैं, सभी यही कहेंगे कि शिवम दुबे एक जेनुइन ऑलराउंडर नहीं हैं। इंग्लैंड के कप्तान जोश बटलर ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या शिवम दुबे अचानक तेज गति से गेंदबाजी करने लगे हैं, या फिर हर्षित राणा शानदार बल्लेबाज बन गए हैं?” जब इस विवाद पर भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर से सवाल किया गया, तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया, “आज शिवम दुबे ने जरूर चार ओवर गेंदबाजी की होगी!”