20 जुलाई 2025 को सिंगापुर में आयोजित इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की वार्षिक बैठक ने क्रिकेट की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ा। इस बैठक में दो नए टीमों—तिमोर-लेस्ते क्रिकेट फेडरेशन और जाम्बिया क्रिकेट यूनियन को औपचारिक रूप से आईसीसी के एसोसिएट सदस्य के रूप में शामिल किया गया। इस ऐतिहासिक फैसले के साथ, आईसीसी के कुल सदस्यों की संख्या अब 110 हो गई है। यह कदम क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर और अधिक लोकप्रिय बनाने और उन क्षेत्रों में इसके विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जहां यह खेल अभी अपनी जड़ें जमा रहा है।
तिमोर-लेस्ते- क्रिकेट का नया गढ़
पूर्वी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थित तिमोर-लेस्ते अब आईसीसी का 10वां एसोसिएट सदस्य बन गया है। यह उपलब्धि इसलिए खास है, क्योंकि 2003 में फिलीपींस के बाद इस क्षेत्र से कोई नया सदस्य नहीं जुड़ा था। तिमोर-लेस्ते में क्रिकेट की शुरुआत हाल के सालों में हुई है, और यह खेल वहां के युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। स्थानीय स्तर पर स्कूलों और समुदायों में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए तिमोर-लेस्ते क्रिकेट फेडरेशन ने कई पहल शुरू की हैं।
आईसीसी की सदस्यता मिलने से तिमोर-लेस्ते को न केवल वित्तीय और तकनीकी सहायता मिलेगी, बल्कि उसे क्षेत्रीय और वैश्विक टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने का मौका भी मिलेगा। यह छोटा सा देश अब वर्ल्ड क्रिकेट लीग और टी20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स जैसे मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखा सकता है। तिमोर-लेस्ते के लिए यह सदस्यता क्रिकेट के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, और यह स्थानीय युवाओं को खेल के माध्यम से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जाम्बिया की वापसी
जाम्बिया क्रिकेट यूनियन की आईसीसी में वापसी एक ऐसी कहानी है, जो दृढ़ संकल्प और सुधार की ताकत को दर्शाती है। जाम्बिया को 2003 में आईसीसी की एसोसिएट सदस्यता मिली थी, लेकिन 2019 में प्रशासनिक और अनुपालन संबंधी समस्याओं के कारण उसकी सदस्यता निलंबित कर दी गई थी। 2021 में जाम्बिया को आईसीसी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, चार साल की कड़ी मेहनत और संगठनात्मक सुधारों के बाद, जाम्बिया ने अपनी कमियों को दूर किया और अब दोबारा आईसीसी परिवार का हिस्सा बन गया है। यह जाम्बिया का 22वां अफ्रीकी देश के रूप में आईसीसी में प्रवेश है।





