वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट की दुनिया में धमाकेदार नाम बना लिया है। उनका खेलने का अंदाज़ बिल्कुल अलग है। 14 साल की उम्र में ही उन्होंने बड़े-बड़े दिग्गजों को प्रभावित कर दिया है। उनका नेचुरल खेल हर गेंद को हिट करना है। यही कारण है कि उन्होंने आईपीएल 2025 में मात्र 35 गेंदों में शतक जड़ दिया और इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। जहां उनकी पारी की जमकर तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी ओर आईपीएल 2025 में ही एक और ऐसा खिलाड़ी है, जिसे अपने पिता से यह नसीहत मिली है कि उसे वैभव सूर्यवंशी की तरह नहीं बनना है।
इस खिलाड़ी के पिता ने साफ संदेश दिया है कि उसे वैभव सूर्यवंशी की नकल भी नहीं करनी है। पिता से ऐसी नसीहत पाने वाले खिलाड़ी का नाम आयुष म्हात्रे है, जो चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में खेल रहे हैं। आयुष भी जबरदस्त फॉर्म में हैं और उन्होंने भी बड़े-बड़े दिग्गजों को प्रभावित किया है।

ओपनिंग पार्टनर भी रह चुके हैं वैभव सूर्यवंशी और आयुष म्हात्रे
बता दें कि आयुष म्हात्रे अंडर-19 क्रिकेट में वैभव सूर्यवंशी के ओपनिंग पार्टनर भी रह चुके हैं। अंडर-19 एशिया कप के दौरान आयुष म्हात्रे और वैभव सूर्यवंशी की ओपनिंग जोड़ी काफी चर्चा में रही थी। हालांकि, आईपीएल 2025 में दोनों खिलाड़ियों को अलग-अलग टीमों ने खरीद लिया। वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में शामिल किया, जबकि चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल के मध्य में आयुष म्हात्रे को अपनी टीम में जोड़ा। उन्हें ऋतुराज गायकवाड़ के रिप्लेसमेंट के तौर पर खेलने का मौका मिला।
अब सवाल यह है कि आखिर आयुष म्हात्रे से उनके पिता योगेश म्हात्रे ने ऐसा क्यों कहा कि वैभव सूर्यवंशी की नकल नहीं करनी है, ना ही उनके जैसा शतक लगाने की कोशिश करनी है? दरअसल इसके पीछे एक खास वजह है। चलिए जानते हैं कि वह वजह क्या है।
जानिए पिता योगेश म्हात्रे ने क्या सीख दी
असल में आयुष के पिता योगेश म्हात्रे ने अपने 17 साल के बेटे को 3 मई को हुई एक गलती की नसीहत दी है। बता दें कि 3 मई को आरसीबी के साथ चेन्नई सुपर किंग्स का मुकाबला था। इस मुकाबले में आयुष म्हात्रे ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 48 गेंदों में पांच छक्के और नौ चौकों की मदद से 94 रन बनाए थे। वह अपने शतक से सिर्फ 6 रन दूर थे और आउट हो गए। दरअसल, उनसे एक चूक हो गई। आरसीबी के गेंदबाज कुरेन की गेंद पर आक्रामकता दिखाने के चक्कर में वह आउट हो गए।
इसी गलती के चलते अब पिता ने उन्हें यह सीख दी है कि वैभव सूर्यवंशी की नकल नहीं करनी है, उनके जैसा शतक लगाने की कोशिश नहीं करनी है। तुम्हें वैसा ही खेलना है जैसा तुम्हारे लिए सही है। तुम्हें लंबा खेलना है। अगर कोई तुम्हारी तुलना वैभव से करता है तो उसे अपने दिमाग में नहीं रखना है।