प्रेमानंद महाराज से विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने लिया आशीर्वाद, विराट ने असफलता से बाहर निकलने का समाधान पूछा

विराट कोहली और अनुष्का शर्मा शुक्रवार को अपने दोनों बच्चों के साथ वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम में आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे। इस दौरान विराट कोहली ने प्रेमानंद महाराज से असफलता से बाहर निकलने का प्रश्न किया। जानिए इस पर प्रेमानंद महाराज ने उन्हें क्या जवाब दिया।

Rishabh Namdev
Published on -

शुक्रवार को वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम में विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चों के साथ पहुंचे। उन्होंने प्रेमानंद महाराज के साथ एकांत वार्तालाप में करीब आधे घंटे तक समय बिताया और आध्यात्मिक चर्चा की। विराट और अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लिया और आगामी सफलता के लिए प्रार्थना की।

इस दौरान विराट कोहली ने अपनी असफलताओं के बारे में प्रेमानंद महाराज को बताया। प्रेमानंद महाराज ने उन्हें सलाह दी कि अभ्यास जारी रखें और भगवान का नाम जपते रहें। उन्होंने कहा, “आपकी साधना क्रिकेट है। आप अपनी साधना में पूरी निष्ठा से लगे रहें।”

जानिए विराट से क्या बोले प्रेमानंद महाराज

विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की यहां एकांत वार्तालाप की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। दरअसल, विराट कोहली इस समय अपनी खराब फॉर्म को लेकर चर्चा में हैं। बता दें कि इससे पहले भी विराट कोहली वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे थे। इस बार भी उन्होंने महाराज से अपनी असफलताओं के बारे में चर्चा की। विराट ने महाराज से पूछा कि असफलताओं से कैसे बाहर निकला जाए। इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा, “विजय के लिए दो चीजें आवश्यक होती हैं – अभ्यास और प्रारब्ध। यदि प्रारब्ध नहीं है और केवल अभ्यास है, तो जीत मुश्किल हो सकती है। इसके लिए प्रभु के ज्ञान और नाम का जप करना अति आवश्यक है।”

असफलता हमेशा नहीं रहती: प्रेमानंद महाराज

असफलताओं पर बोलते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा, “असफलता के समय हमें भगवान का चिंतन करना चाहिए और हमेशा धैर्य रखना चाहिए। धैर्य रखना कठिन हो सकता है, लेकिन असफलता के समय धैर्यपूर्वक मुस्कुराना बहुत बड़ी बात होती है। असफलता हमेशा नहीं रहती। यह तो दिन और रात की तरह है – दिन है तो रात भी आएगी, और रात है तो दिन भी आएगा। हमें धैर्य रखना है और भगवान का नाम जपना है। परंतु यह बहुत कठिन है। जो सम्मान सफलता से मिलता है, वह असफलता में नहीं मिलता।”


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News