85 साल बाद दोहराया इतिहास, इस गेंदबाज ने टेस्ट करियर की पहली गेंद पर लिया विकेट

Shashank Baranwal
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Shamar Joseph

AUS vs WI: वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है। जिसका पहला मुकालबा एडिलेड में 17 जनवरी से जारी है। जहां वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 62.1 ओवरों में 188 रन बनाकर ऑलआउट हो गई हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन के खेल खत्म होने तक 21 ओवरों में 2 विकेट गंवाकर 59 रन पर खेल रही हैं। इस मुकाबले में वेस्टइंडीज की तरफ से गेंदबाजी करते हुए शामर जोशेफ ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

जोशेफ शामर ने किया बड़ा कारनामा

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में वेस्टइंडीज के खिलाड़ी शामर जोशेफ ने यह कारनामा हासिल की है। उन्होंने अपने करियर की पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी स्टीव स्मिथ ने आउट किया। स्मिथ ने 26 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 12 रन बनाए।

1939 के बाद 2024 में दोबारा हुआ

वेस्टइंडीज के खिलाड़ी शामर जोशेफ ने टेस्ट क्रिकेट की पहली गेंद पर विकेट निकालकर 85 साल बाद इतिहास को दोहरा दिया। गौरतलब है कि इससे पहले साल 1939 में टायरेल जॉनसन ने भी टेस्ट क्रिकेट में पहली गेंद में पहला विकेट लिया था। बता दें शामर टेस्ट क्रिकेट में पहली गेंद पर विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके हैं।

क्रिर्क मैकेंजी ने खेली अर्धशतकीय पारी

आपको बता दें वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में 188 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस दौरान क्रिर्क मैकेंजी ने 94 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 50 रनों की पारी खेली। वहीं शामर जोशेफ ने 41 गेंदों में 1 छक्के और 3 चौकों 36 रनों की पारी खेली। वहीं ऑस्ट्रेलिया की तरफ से गेंदबाजी करते हुए जोश हेजलवुड और कप्तान पैट कमिंस ने 4-4 विकेट निकाले। जबकि मिचेल स्टार्क और नाथन लियॉन ने 1-1 विकेट पाया।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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