Wimbledon interesting Facts: टेनिस के सबसे पुराने मुकाबले विंबलडन कि आज से ऑल इंग्लैंड क्लब लंदन में शुरुआत हो रही है। यह इस टूर्नामेंट का 136 वां संस्करण है, टेनिस के चार ग्रैंड स्लैम में इसे सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। आज हम आपको इस चर्चित महा मुकाबले से जुड़े कुछ रोचक तथ्य से रूबरू करवाते हैं।
465 करोड़ प्राइज करोड़ प्राइज मनी
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन साल 2022 की तुलना में इस बार विंबलडन की प्राइज मनी 11% ज्यादा होने वाली है। जो सिंगल चैंपियन रहेंगे उन्हें 24.49 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। रनर अप को 12.25 करोड़ की प्राइज मनी दी जाएगी। प्रतियोगिता में कुल मिलाकर 465 करोड रुपए बांटे जाने वाले हैं।
प्राइज मनी मिलने की शुरुआत सन 1968 में टेनिस के प्रोफेशनल खेल बनने से शुरू हुई। 1968 में पहली बार पुरुष चैंपियन को 2000 पाउंड और महिला चैंपियन को 750 पाउंड दिए गए थे। महिला और पुरुष वर्ग के मुकाबले में 2007 तक प्राइज मनी की रकम अलग-अलग होती थी। लेकिन 2008 से ग्रैंड स्लैम में इसे बराबर कर दिया गया।
विंबलडन की अटूट परंपराएं
ड्रेस
टूर्नामेंट के दौरान सभी खिलाड़ियों को पूरी तरह से सफेद कलर की ड्रेस पहनकर टेनिस खेलना होता है। 2022 में इस पर आंदोलन भी किया गया था क्योंकि महिलाओं का कहना था कि पीरियड्स में सफेद रंग के कपड़ों में खेलना मुश्किल होता है। व्हाइट ड्रेस कोड हटाने की मांग की गई लेकिन विंबलडन अपने नियमों पर कायम रहा और आज भी ये जारी है।
बॉल बॉय और गर्ल्स
विंबलडन चैंपियनशिप को कोर्ट पर रहने वाले छह बॉल बॉय और बॉल गर्ल्स खास बनाते हैं। इनमें से दो नेट पर रहते हैं और चार कोनों में खड़े रहते हैं, जिनका काम बॉल उठाकर प्लेयर्स तक पहुंचाना होता है।
घास के कोर्ट
पिछले 146 साल से इस प्रतियोगिता को घास के कोर्ट पर खेला जा रहा है। 1877 में इसकी शुरुआत हुई थी और चारों ग्रैंडस्लैम में ये इकलौता मुकाबला है जो ग्रास कोर्ट पर किया जाता है। इसके अलावा फ्रेंच ओपन क्ले कोर्ट ऑस्ट्रेलियाई ओपन और यूएस ओपन हार्ड कोर्ट पर खेले जाते हैं। घास पर मैच खेले जाने की वजह यह है कि इसकी शुरुआत यहीं से हुई थी इसलिए आज भी उसे कायम रखा जा रहा है।
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— Wimbledon (@Wimbledon) July 3, 2023
दर्शकों को टेस्टी मील
टूर्नामेंट के दौरान दर्शकों को लंबे समय से स्ट्रॉबेरी और क्रीम के अलावा ब्रिटिश वाइन सर्व किए जाने की परंपरा चली आ रही है।
नहीं बदली ट्रॉफी
विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट की एक खास बात यह भी है कि 1887 के बाद से इसकी ट्रॉफी नहीं बदली है। पुरुष मुकाबले में 18.5 इंच लंबा और 7.5 इंच चौड़ा कब दिया जाता है। यह ट्रॉफी की नकल होती है जबकि असली ट्रॉफी ऑल इंग्लैंड क्लब के म्यूजियम में ही रखी हुई है। महिला सिंगल्स मुकाबले में स्टर्लिंग सिल्वर साल्वर ट्रॉफी दी जाती है, जिस पर देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी है। डबल्स में जीतने वाले खिलाड़ियों को सिल्वर कब मिलता है।
स्पेशल बाज
विंबलडन की एक और खास बात यह है कि यहां पर कबूतरों को भगाने के लिए एक बाज रखा गया है। यह बहुत ही स्पेशल बाज है जिससे विंबलडन परिवार का अहम सदस्य माना जाता है और यह पिछले 15 सालों से कबूतरों को भगाने का काम कर रहा है। इस बात का नाम रूफस है और इससे पहले हामिश नाम का बाज यह काम करता था।