Chess: भारत के डी गुकेश बने वर्ल्ड शतरंज चैंपियन, चीन की बादशाहत ख़त्म, बन गए यंगेस्ट चैंपियन, PM Modi ने दी बधाई

गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी बाजी जीतकर चीन के खिलाड़ी लिरेन के 6.5 के मुकाबले जरूरी 7.5 अंक के साथ खिताब जीता।

Atul Saxena
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D Gukesh world chess champion

D Gukesh World Chess Champion: भारत के ग्रैंड मास्टर डी गुकेश ने शानदार खेल दिखाते हुए 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप का ख़िताब अपने नाम कर लिया, ऐसा कर वे दुनिया के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर बन गए हैं, खिताबी मुकाबले में गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर उनकी बादशाहत ख़त्म कर दी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुकेश की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है और उनकी जीत की ऐतिहासिक और अनुकरणीय बताया है।

भारत के 18 साल के डी गुकेश ने 18वीं वर्ल्ड चेस चैंपियनशि जीतकर इतिहास रच दिया है। खिताबी मुकाबले में गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह उपलब्धि हासिल की है। ऐसा कर गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।

डिफेंडिंग चैंपियन को दी शिकस्त 

बता दें, चीन के लिरेन डिंग पिछले साल इस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर चुके थे जिनसे गुकेश का मुकाबला था, गुकेश ने 14वी अंतिम बाजी में चीन के खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी, डिफेंडिंग चैंपियन ने एक छोटी से गलती हुई जिसका फायदा उठाने में गुकेश ने देरी नहीं की और वर्ल्ड चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया।

PM Modi ने दी बधाई  

प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा-  ऐतिहासिक एवं अनुकरणीय, गुकेश डी को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कराया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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