महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी भारत को मिली है, लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी तैयारी अब तक अधूरी है। BCCI ने अब तक LOC यानी Local Organising Committee का गठन नहीं किया है, जो टूर्नामेंट के सफल आयोजन के लिए बेहद अहम होती है। ICC ने टूर्नामेंट की तारीखें पहले ही घोषित कर दी हैं, लेकिन भारत में तैयारी की रफ्तार काफी धीमी नजर आ रही है।
आईसीसी महिला वनडे वर्ल्डकप कई मायनों में अहम होने वाला है दरअसल यह न सिर्फ भारत की मेजबानी के लिए जरूरी है बल्कि भारतीय टीम के लिए भी उतना ही जरूरी है। वहीं कई लोगों के मन में यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि कौनसी टीम किस टीम के खिलाफ और किस दिन मुकाबला खेलेगी इसका शेड्यूल कब जारी किया जाएगा? ऐसे में अब बीसीसीआई को जल्द से जल्द यह निर्णय करना होगा।

LOC गठन की देरी पर उठे सवाल
दरअसल मार्च में BCCI की टॉप काउंसिल मीटिंग में LOC के गठन का मुद्दा एजेंडे में था, लेकिन वहां इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया। अब स्थिति यह है कि जून तक भी LOC का नाम तक तय नहीं हो पाया है। वहीं ICC ने 30 सितंबर से टूर्नामेंट शुरू करने की घोषणा कर दी है, जो 2 नवंबर तक चलेगा। ऐसे में आयोजन के लिए जरूरी सभी तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। BCCI के सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड IPL के कारण व्यस्त था और अब जल्द ही टॉप काउंसिल की मीटिंग होगी, जिसमें LOC के गठन पर फैसला लिया जा सकता है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इतने बड़े टूर्नामेंट की तैयारी के लिए LOC का गठन कम से कम एक साल पहले हो जाना चाहिए। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश समय से पहले ही इन कदमों को पूरा कर लेते हैं, ताकि टीमों और फैन्स को प्लानिंग में आसानी हो।
कहां होंगे मुकाबले, कब हुई थी आखिरी मेजबानी
बता दें कि महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 भारत के चार शहरों में खेला जाएगा बेंगलुरु, गुवाहाटी, इंदौर और विशाखापट्टनम। इन शहरों में टूर्नामेंट के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तो है, लेकिन LOC के बिना इनकी तैयारी अधूरी मानी जा रही है। LOC की जिम्मेदारी होती है टीमों की मेजबानी से लेकर स्टेडियम प्रबंधन, मीडिया और दर्शकों की सुविधाओं तक का ख्याल रखना। वहीं भारत आखिरी बार 2013 में महिला वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी कर चुका है, और 2016 में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी भी पुरुष टूर्नामेंट के साथ की थी। 2023 में पुरुष वनडे वर्ल्ड कप के शेड्यूल की घोषणा में भी BCCI ने काफी देर की थी, जिस पर बोर्ड को आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब एक बार फिर वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है।