वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स मैदान पर खेला जा रहा है, जहां ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने हैं। पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम सिर्फ 212 रन पर ऑलआउट हो गई। दक्षिण अफ्रीका के कगिसो रबाडा ने घातक गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लिए। इसके बाद से यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर चौथी पारी में बड़ा टारगेट मिलता है तो क्या उसे चेज किया जा सकेगा? लॉर्ड्स के पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि यहां रन चेज करना आसान नहीं होता।
दरअसल लॉर्ड्स मैदान पर अब तक कुल 147 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमें से सिर्फ 43 बार चेज करने वाली टीम जीत सकी है। यानी पहले बैटिंग करने वाली टीम को यहां ज्यादातर फायदा मिला है। चौथी पारी में अब तक का सबसे बड़ा रन चेज वेस्टइंडीज ने 1984 में किया था, जब उसने इंग्लैंड के खिलाफ 344 रनों का टारगेट हासिल किया। उसके बाद से अब तक कोई भी टीम यहां 300 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है।

कितना मुश्किल रन चेज?
ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम ने भी लॉर्ड्स में कभी 131 रन से ज्यादा का टारगेट चेज नहीं किया है। यह रिकॉर्ड 1921 में इंग्लैंड के खिलाफ बना था। हालांकि इंग्लैंड ने 2022 में न्यूजीलैंड के खिलाफ यहां 279 रन का टारगेट जरूर चेज किया था, लेकिन वह बेहद मुश्किल जैसा रहेगा। दरअसल यह आंकड़े बताते हैं कि इस मैदान पर रन चेज करना चुनौती भरा होता है, खासकर जब चौथी पारी में पिच धीमी और स्पिनर्स को और मदद मिलने लगती है।
क्या दक्षिण अफ्रीका लॉर्ड्स में इतिहास दोहराएगी?
दरअसल दक्षिण अफ्रीका को अगर WTC Final 2025 में जीतना है, तो उसे लॉर्ड्स पर बड़ी चुनौती पार करनी होगी। अब तक इस मैदान पर उसने सिर्फ एक बार ही चौथी पारी में जीत दर्ज की है। यह जीत 1998 में आई थी, जब अफ्रीकी टीम ने इंग्लैंड को 10 विकेट से हराया था। लेकिन वह मैच बिल्कुल अलग परिस्थितियों में खेला गया था। अब WTC Final का प्रेशर है, और सामने है मजबूत ऑस्ट्रेलियाई बॉलिंग लाइन-अप। दरअसल दक्षिण अफ्रीका की ताकत उसकी बॉलिंग है, लेकिन बैटिंग में स्थिरता की कमी रही है। अगर उन्हें जीत हासिल करनी है तो उन्हें वेस्टइंडीज जैसा कारनामा दोहराना होगा। लॉर्ड्स का इतिहास साफ इशारा करता है कि चौथी पारी में 200 से ऊपर रन बनाना आसान नहीं होता। ऐसे में यह मुकाबला रोमांचक मोड़ पर आ गया है।