ये पांच खिलाड़ी बने ऑस्ट्रेलिया की हार के कारण! WTC Final 2025 में इस तरह जीता अफ्रीका ने दिल

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की टीम साउथ अफ्रीका से 5 विकेट से हार गई। 2023 का खिताब जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया इस बार खुद को रिपीट नहीं कर सकी। टीम के कई बड़े खिलाड़ी पूरी तरह फ्लॉप रहे। जानिए किन पांच खिलाड़ियों ने इस अहम मुकाबले में टीम को धोखा दिया और कैसे उनकी परफॉर्मेंस ने ऑस्ट्रेलिया की हार की स्क्रिप्ट लिख दी।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद कोई ICC खिताब जीतकर इतिहास रच दिया, जबकि ऑस्ट्रेलिया अपने टाइटल को डिफेंड करने में पूरी तरह नाकाम रही। टीम इंडिया को हराकर 2023 का फाइनल जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया इस बार साउथ अफ्रीका के सामने कमजोर नजर आई। दरअसल फाइनल में गेंदबाज हों या बल्लेबाज, कई अनुभवी खिलाड़ी नाकाम साबित हुए। आइए जानते हैं वो 5 खिलाड़ी जिनकी वजह से ऑस्ट्रेलिया को इस हार का सामना करना पड़ा है।

गेंदबाजी में इस खिलाड़ी ने किया सबसे ज्यादा निराश

दरअसल फाइनल जैसे बड़े मुकाबलों में गेंदबाजी बड़ी भूमिका निभाती है, लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलिया की ताकत कही जाने वाली बॉलिंग यूनिट ने सबसे ज्यादा निराश किया। ऑफ स्पिनर नैथन लायन ने पूरे मैच में 34 ओवर डालने के बावजूद एक भी विकेट नहीं लिया। जब साउथ अफ्रीका का मिडिल ऑर्डर टिक रहा था, तब लायन से टीम को विकेट की उम्मीद थी, लेकिन वो एक भी ब्रेकथ्रू नहीं दिला सके।

ये खिलाड़ी भी दे गए धोखा

इसी तरह जोश हेजलवुड, जो फॉर्म में थे, उन्होंने फाइनल में सिर्फ 2 विकेट लिए। दूसरी पारी में उन्होंने थोड़ा संघर्ष जरूर किया लेकिन मैच जिताने वाली गेंदबाजी नहीं कर सके। मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस भी एडन मार्करम जैसे बल्लेबाज के सामने बेबस नजर आए। ये वही गेंदबाज हैं जिनकी धार ने ऑस्ट्रेलिया को कई बड़ी जीतें दिलाई हैं, लेकिन फाइनल में उनकी धार गायब रही।

WTC Final में हेड, ग्रीन और ख्वाजा रहे फ्लॉप

दरअसल ऑस्ट्रेलिया के टॉप ऑर्डर से लेकर मिडिल ऑर्डर तक ज्यादातर बल्लेबाज फाइनल में फ्लॉप रहे। सबसे पहले बात करें ट्रेविस हेड की, जो पिछले WTC फाइनल में मैन ऑफ द मैच थे। इस बार उन्होंने पहली पारी में 11 और दूसरी में 9 रन बनाए। ऐसे अहम मैच में उनका जल्दी आउट होना टीम के लिए बड़ा झटका रहा।

इतना ही नहीं उस्मान ख्वाजा, जिनसे शुरुआत में तेज और टिकाऊ पारी की उम्मीद थी, उन्होंने पहली पारी में खाता भी नहीं खोला और दूसरी में सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए। एक ओपनर की यह परफॉर्मेंस किसी भी टेस्ट टीम को मुश्किल में डाल सकती है।

वहीं कैमरून ग्रीन दोनों पारियों में कागिसो रबाडा के सामने बिल्कुल बेबस दिखे। पहली पारी में सिर्फ 4 और दूसरी में जीरो पर आउट हुए। ग्रीन ऑलराउंडर के तौर पर टीम में शामिल थे, लेकिन ना गेंद से कोई योगदान दिया, ना बल्ले से। ऐसे खिलाड़ियों की फॉर्म न सिर्फ मैच, बल्कि टूर्नामेंट का नतीजा तय करती है।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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