आजकल स्थिति बहुत बदल गई है। मां बाप को उपेक्षित और पुरानी वस्तुओं की तरह घर के कोने में डाल दिया जाता है। घर के किसी भी निर्णय में उनकी सलाह नहीं ली जाती। छोटे बच्चे भी अपनी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के चलते उन्हें समय नहीं दे पाते या कहो तो मां-बाप चाहते ही नहीं है कि बच्चे दादी के पास उठे बैठे। और जहां बच्चे विदेशों में है वहां तो समस्या और भी विकट है वे केवल डालर भेजकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेते हैं यह नहीं सोचते कि इस उम्र में उन्हें पैसों की नहीं बल्कि उनके साथ की जरूरत है
Mother’s Day की खबरें
Mother’s Day Special : एक समय था जब बच्चे बाहर लड़ाई करके आते थे और घर पर बताने में डरते थे कि कहीं मां मारे नहीं, लेकिन आज बच्चा जब मां को बताता है तो मां खुद ही लड़ने के लिए पहुंच जाती है।
बॉलीवुड में ऐसी कई सिंगल मदर मौजूद है जिन्होंने अकेले अपने बच्चों को पाला है और आज वह अच्छे मुकाम पर हैं।
भारत में मदर्स डे मां और बच्चों के लिए एक खास दिन है। यह दिन मां को समर्पित है। माताओं के लिए प्रशंसा और प्यार दिखाने का दिन है। माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है लेकिन यह एक विचार का विषय भी है कि माता को सम्मान देने के लिए कोई एक दिन क्यों। शायद पश्चिम की भोगवादी परंपरा में माता – पिता को सम्मान देने के लिए साल भर वक्त नहीं निकल पाता। वहां की जीवन शैली और संस्कृति कहीं ना कहीं अपनों से दूर ले जाती है, इसलिए इन रिश्तों में निकटता का एहसास कराने के लिए वह दिवस मनाते हैं।
यह दिन मां के समर्पण के लिए एक अवसर होता है और एक मौका होता है उनका सम्मान करने के लिए जो जीवन में हमेशा हमारे साथ होती हैं।
अगर आप मदर्स डे पर अपनी मां को स्पेशल फील कराना चाहते हैं तो भारत में एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है।
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