25 जुलाई को शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग बनने वाला है। 25 जुलाई से सिंह राशि में शुक्र और बुध की युति होने जा रही है, जिससे यह लक्ष्मी नारायण योग बनेगा।
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चतुर्गुण पापकर्तरी योग जातकों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। मंगल और सूर्य के बीच में चन्द्र अटक गए है, जो नकारात्मक प्रभाव डालेगा।स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है।
जुलाई में बुध और शुक्र के गोचर करने पर युति का योग बनेगा, इसे मेष, तुला और मकर राशि के जातकों की कुंडली में लक्ष्मी नारायण का योग बन सकता है।
Laxmi Narayan rajyog 2023 : 50 साल बाद विपरीत राजयोग का भी निर्माण हुआ है। इस दौरान कई राशियों के लिए आकस्मिक धनलाभ और तरक्की के योग बने हैं।
Lakshmi Narayan rajyog 2023 : ज्योतिष शास्त्र में लक्ष्मी नारायण योग का विशेष महत्व बताया गया है, इसे बेहद ही शुभ माना गया है। जब किसी भी राशि में बुध और शुक्र ग्रह दोनों एक साथ होते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है।
पंचांग के अनुसार, शुक्र 7 जुलाई को सूर्य की राशि सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। वर्तमान में शुक्र चंद्रमा की राशि कर्क में विराजमान है। इस गोचर से 3 राशियों के लिए बेहद शुभ होगा।
अगले हफ्ते शनि स्वराशि कुंभ में ही वक्री होने जा रहे हैं, जो कि बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है।चुंकी साल 2025 तक शनि कुंभ राशि में रहेंगे, इस संयोग को शश महापुरुष राजयोग का निर्माण होगा।
Shash Mahapurush Rajyoga : यदि आपकी कुंडली में शनि लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में तुला, मकर अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो यह शश योग बनता है।
Gajlaxmi Rajyog : इस राशि के जातकों भाग्य उनका साथ देगा, व्यापारी जातकों को बिजनिस में कामयाबी के प्रबल योग हैं। गजलक्ष्मी राजयोग के कारण धन लाभ होने की संभावनाएं हैं। कारोबारियों के लिए भी अच्छे संकेत है। इसके अलावा भाग्य भी आपका पूरा साथ देगा।
Shash Mahapurush Rajyoga 2023 : यदि आपकी कुंडली में शनि लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में तुला, मकर अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो यह शश योग बनता है।