कांग्रेस द्वारा घोषणा करते हुए कहा गया था कि महापौर को नगर निगम के अंदर नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा। इससे पहले ही पुलिस का भारी बल नगर निगम के द्वार पर लगा दिया गया।
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ये कांसेप्ट 3 आर पर बनाया गया है। दरअसल, इस कंसेप्ट पर बोरवेल में लगने वाले कैमरे को स्केटिंग पर लगाया जाकर स्क्रीन से कनेक्ट किया गया। ऐसे में इस कैमरे की मदद से चोक को देखा जा सकेगा।
इन वीडियो में निगमकर्मी युवकों के साथ बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, कचरा फेंकने के बाद नगर निगम के कर्मचारी युवकों के पास गए और वसूली के लिए पैसों की मांग करने लगे।
निगमकर्मी पटेल ब्रिज के पास सफाई कर रहे थे। तभी वहां से गुजर रहे 4 युवकों द्वारा खाली बोतल और कुछ कचरा सड़क पर फेंका गया। इस वजह से निगम कर्मियों ने आपत्ति ली लेकिन विवाद ज्यादा बढ़ गया तो बात मारपीट पर आ गई।
जलजमाव और अन्य शिकायतों का निराकरण करने के लिए सभी 19 झोनलों के अंदर कट्रोल रूम बनाए जाएंगे। ये सब बारिश और आपदाओं को देखते हुए किया जा रहा है ताकि तुरंत किसी भी समस्या से निपटा जा सके।
शहर में अनुपयोगी सामानों का बड़ा सेंटर बनाया जाएगा। ये सेंटर शहर के प्रमुख चौराहे का चयन कर वहां थ्री आर चौराहा बनाया जाएगा। ऐसे में कोई भी इंसान यहां सामान रखने के लिए आ जा सकेगा।
2000 से अधिक सफाई कर्मचारी भी हैं, उन्हें भी वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा।
रविवार के दिन बेलेश्वर झूलेलाल महादेव मंदिर में समिति के सदस्य एक बार फिर एकजुट हुए। ऐसे में यह सभी लोग एक साथ चबूतरे के निर्माण के लिए जुट गए। हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गई है।
इंदौर में सबसे पहला फायर स्टेशन मोती तबेला में 1905 में स्थापित किया गया था। शहर में लगातार विकास हो रहे हैं साथ ही आबादी भी तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन फायर ब्रिगेड का विकास थम गया।
पदभार संभालने के बाद हर्षिता सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहां की सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। हर चीज को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। अभी तक आपदा प्रबंधन की सुविधाओं में जो भी कमी रही है, उन सब को ठीक किया जाएगा।