विपरीत राजयोग का निर्माण जब किसी जातक की कुंडली में होता है, तो फिर उसी असीम समृद्ध अवसर आगे बढ़ने के मिलते हैं। ये विपरीत राजयोग तीन तरह के होते हैं- हर्ष राजयोग, विमल राजयोग और सरला राजयोग।
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ज्योतिष के मुताबिक, जब भी 2 ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो तो नवपंचम योग का निर्माण होता है ।नवपंचम योग तब बनता है जब दो ग्रहों के बीच की दूरी 120 डिग्री हो।
बुध का गोचर जातकों के लिए शुभ साबित होने वाला है। आपकी आमदनी बढ़ने की उम्मीद है,बिजनेस से जुड़े लोगों को कोई बड़ी डील मिल सकती है। धन लाभ के प्रबल योग बन रहे है। विदेश में जॉब करने का मौका मिल सकता है।
ज्योतिष के अनुसार, बुध 8 जुलाई रात 12.05 बजे चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। यहां सूर्यदेव पहले से ही विराजमान होंगे, ऐसे में बुध और सूर्य की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा ।
Bhadra Rajyog : जब कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में बुध अपनी खुद की राशि मतलब मिथुन या कन्या में होता है, तब भद्र योग का निर्माण होता है।
Rajyog Budh-Surya Yuti : बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।
अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।
17 जून से शनि वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। वक्री अवस्था में शनि के गोचर के साथ ही एक तरफ जहां वह केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण करेंगे। वहीं दूसरी तरफ जातकों को भद्र योग और शश राजयोग का भी लाभ मिलेगा। बुध के गोचर से भद्रा राजयोग का लाभ मिलेगा।
Shubh Rajyog : गुरु और चंद्रमा जब किसी राशि में साथ बैठे होते हैं या फिर गुरु जिस राशि में होते हैं उस राशि से चौथे, सातवें और दसवें घर में चंद्रमा होते हैं तो गजकेसरी योग बनता है।
Rajyog 2023: बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।