भोपाल से इंदौर के बीच चलने वाली दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस का विस्तार कर इन्हें खजुराहो, ग्वालियर और नागपुर तक भेजे जाने की दिशा में प्रयास हो रहा है।
train की खबरें
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन की वेबसाइट के अनुसार गुरुवार की सुबह एसी चेयर कार में 373 और एग्जीक्यूटिव चेयर कार में 48 सीटें खाली रही। भोपाल से आने वाली ट्रेन में एसी चेयर कार में 366 और एग्जीक्यूटिव चेयर कार में 30 से ज्यादा सीटें खाली रही।
खास बात ये है कि जिस 2AC कोच में चोरी की ये वारदात हुई उससे लगी हुई ट्रेन की पेंट्री कार है। RPF ने पेंट्री कार के स्टाफ को रात में हो बुलाकर पूछताछ की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, उसके बाद जब ट्रेन ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो मिश्रा परिवार ने ग्वालियर GRP थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है।
हादसे में करीब 300 लोगों की जान चली गई वहीं 900 से ज्यादा लोग घायल हुए। ऐसे में रेल मंत्रालय ने मुआवजे की घोषणा की है। मृतकों को रेलवे की तरफ से 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे।
शिकायत पर वेंडर ने धमकाया और कहा कि अपनी शिकायत वापस लो। हालांकि उस वेंडर ने लंच बॉक्स को वापस तो ले लिए लेकिन पेमेंट वापस देने से मना कर दिया। जब इस बात को लेकर बहस बढ़ गई तो वेंडर ने मुश्किल से पैसे वापस लौटाए।
MP से शुरू होने वाली स्वदेशी तकनीक से बनी सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को 1 अप्रैल के दिन पीएम मोदी खुद रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
किसी भी ट्रेन का नाम रखने के लिए रेलवे तीन चीजों का खास ध्यान रखता है। जिसमें राजधानी स्थान और लोकेशन शामिल होती है। इन तीनों चीजों को मिलाकर ही भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन का नाम रखा जाता है।
आपने भी एक ना एक बार तो इसमें सफर जरूर किया होता और अपने मन में भी ये सवाल आया होगा कि आखिर रेलवे ट्रैक पर बिछी पटरियों के नीचे और आसपास छोटे नुकीले पत्थर क्यों बिछाए जाते हैं और इससे क्या होता है?
वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई ट्रेन की तो इसको बनाने में सबसे ज्यादा खर्च होता है। दरअसल, देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत दिल्ली-वाराणसी रूट पर की गई थी। इस ट्रेन की खासियत इसकी आधुनिकरण और सुविधाएं हैं।
भारतीय रेलवे ने देश में Hydrogen Train को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जर्मनी, चीन और फ्रांस के बाद भारत दुनिया का चौथा देश होगा, जहां हाइड्रोजनफ्यूल पर ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इन सभी हेरिटेज रेलवे लाइनों पर फिलहाल डीजल इंजन वाली ट्रेनें चलाई जा रही हैं।