सावन महोत्सव 8 जुलाई से 9 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। ऐसे में बाबा महाकाल के 10 सवारियां निकाली जाएंगी। साथ ही सांस्कृतिक और शास्त्रीय गायन के आयोजन भी किए जाएंगे।
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बाबा महाकाल के दरबार में सावन के महीने में भक्तों सबसे ज्यादा पहुंचते हैं। इसी को देखते हुए अलग-अलग मार्गदर्शन व्यवस्था की जा रही है। वहीं लड्डू प्रसाद भी महंगा हो गया है।
बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इसी को देखते हुए तमाम तरह की व्यवस्था है मंदिर समिति और प्रशासन द्वारा की जा रही है।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सावन लगते कावड़ यात्रियों के आने का दौर शुरू हो जाएगा। यात्री संघ को प्रवेश के लिए मंदिर समिति से अनुमति लेनी होगी।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा गर्भगृह में 2 महीने के लिए प्रवेश बंद करने के साथ ही लड्डू प्रसादी की कीमत में बढ़ोतरी की गई है।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सावन महीने के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो जाता है। आम लोगों के साथ कावड़ यात्रियों का दल भी बाबा को जल अर्पण करने के लिए मंदिर पहुंचता है।
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं तेजी से बढ़ाई जा रही है। इसी कड़ी में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं।
महाकाल मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु इन दिनों इस असमंजस में हैं कि आखिरकार उन्हें मंदिर किस मार्ग से पहुंचना चाहिए।मंदिर जाने वाले हर मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई है।
बाबा महाकाल के मंदिर में आने वाले भक्तों ने दान से खजाना भर दिया है। वहीं दूसरी और मंदिर में लगने वाला खर्च भी पहले से बढ़ गया है।
बाबा महाकाल की सवारी में हर सवारी पर एक नया मुखारविंद काफिले में जुड़ता है। इस बार 8 रथ पर बाबा अलग अलग रूपों में दर्शन देंगे।