Rajyog benefit की खबरें

rajyog

योग का निर्माण तब होता है, जब कुंडली में मंगल, चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में मेष, वृश्चिक, मकर राशि में विद्यमान हो। वैदिक ज्योतिष में मेष और वृश्चिक के स्वामी मंगल है और मकर राशि में उच्च के स्वामी हैं। ऐसे में रूचक योग का निर्माण होता है।

Rajyog 2023 : इस राजयोग से मेष सहित 5 राशियों की बदलेगी किस्मत, धन-प्रतिष्ठा, सम्मान-स्वास्थ्य, निवेश-समृद्धि लाभ, भद्र महापुरुष राजयोग से संपत्ति-इंक्रीमेंट-सफलता

राजयोग का निर्माण तब होता है, जब छठे और 12वें भाव के स्वामी एक दूसरे से संबंध स्थापित करते हैं। ऐसा तब होता है जब छठे घर का स्वामी आठवें और बारहवें भाव के स्वामी के साथ संबंधित हो, वहीं तीसरे घर में छठे के स्वामी की अंतर्दशा के प्रभाव से इस राजयोग का निर्माण होता है।

grah gochar

Hans Rajyog 2023 : इस योग से सुख-समृद्धि संपत्ति सहित आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही धन संपत्ति प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। पहले घर में गुरु के रहने से भद्र योग का निर्माण होता है जबकि चौथे भाव में इस योग का निर्माण करने के साथ ही प्रभुत्व वाले पद की प्राप्ति होती है। वैवाहिक सुख मिलने के साथ ही धार्मिक पत्नी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के योग बनते हैं। इतना ही नहीं जातक व्यवसाय में अच्छे परिणाम हासिल करता है।

rajyog

1 जुलाई 2023 को सुबह 1:52 पर मंगल सिंह राशि में गोचर करेंगे। सिंह पर सूर्य का आधिपत्य है। वही 18 अगस्त तक मंगल सिंह राशि में विराजमान रहेंगे। इसके उपरांत कन्या राशि में गोचर करेंगे। सिंह राशि में रहने के साथ ही कई महत्वपूर्ण योग का निर्माण हो रहा है।

Rajyog 2023 : इस राजयोग से मेष सहित 4 राशियों को वैभव-समृद्धि, सफलता-संपत्ति लाभ, सूर्य के गोचर से इन्हें मिलेगा सम्मान, प्रतिष्ठा, नौकरी

Astrology Kaahal Rajyog : बुधादित्य, परिजात सहित महा केदार योग का लाभ कई जातकों को मिलेगा। वहीं जुलाई में कर्क राशि में सूर्य के परिवर्तन के साथ ही मेष और तुला राशि को भाग्योदय, व्यापार में वृद्धि सहित प्रमोशन इंक्रीमेंट के आसार बन रहे हैं।

rajyog

ग्रहों के राजकुमार बुध को विश्लेषणात्मक क्षमता, भाषण संचार, कौशल प्रबंधन, तकनीक, लेखन क्षमता लचीलापन, अच्छे स्वास्थ्य सहित कौशल प्रतिभा के धनी, चीजों से संबंधित ग्रह माना जाता है। प्रथम, चतुर्थ, सातवें और दसवें भाव में बुध कुंडली में अपनी खुद की राशि मिथुन और कन्या राशि में विराजमान होते हैं, तब राजयोग का निर्माण होता है।

rajyog

इसी बीच मिथुन राशि में सूर्य और बुध की युति देखने को मिल रही है। सूर्य और बुध की युति से एक तरफ जहां मिथुन राशि को बुद्धादित्य राजयोग का लाभ मिल रहा है। दूसरी तरफ विशेष राजयोग का निर्माण हो रहा है। जिसका लाभ 4 राशियों के जातकों को मिलेगा।

grah gochar

वर्तमान में ग्रहों की स्थिति के अनुसार दो महत्वपूर्ण ग्रह की युति बन रही है। जिसके साथ ही जातकों के जीवन में वीरता, विलासिता, भौतिक सुख, ऐश्वर्य और शौर्य वृद्धि देखने को मिल सकती है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को वैभव, विलासिता, भौतिक सुख, धन, समृद्धि का कारक माना जाता है जबकि मंगल को क्रूर, क्रोधित, वीरता, साहस और शौर्य का प्रतीक माना जाता है।

rajyog

देव गुरु बृहस्पति 18 महीने तक मेष राशि में विराजमान रहेंगे और 3 राशियों को महाधन राजयोग का लाभ देंगे। जन्म कुंडली के दूसरे घर को वित्त का घर माना जाता है। वही 11वां घर वित्तीय लाभ होता है। जन्म लग्न कुंडली में द्वितीय, पंचम, नवम और एकादश भाव या इनके स्वामी कुंडली से जुड़े हो, तब राजयोग का निर्माण होता है।

grah gochar

वैदिक ज्योतिष में कई तरह के राजयोग का निर्माण बताया गया है। हालांकि एक राजयोग ऐसा है जो राजयोग ना होकर भी राजयोग के सामान्य जातकों के जीवन में फल देता है। ऐसे ही राजयोग का नाम है विपरीत राजयोग। जिस व्यक्ति की कुंडली में विपरीत राजयोग का निर्माण होता है, उन्हें सफलता मिलती है। साथ ही प्रतिष्ठा पद सम्मान में वृद्धि होती है।