UGC 2023 : यूजीसी द्वारा बड़ी तैयारी की गई है। इसके तहत एक तरफ जहां विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति पीएचडी डिग्री प्रदान करने की निगरानी के लिए स्थायी समिति का गठन किया जाएगा। वही अस्थायी समिति द्वारा इन विषयों की मॉनिटरिंग की जाएगी जबकि दूसरी तरफ UGC द्वारा नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए सारथी के रूप में छात्रों का चयन किया जाएगा। इसके लिए भी समय सीमा तय कर दी गई है।
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यूजीसी द्वारा छात्रों को महत्वपूर्ण राहत दी गई है। इसके लिए नवीन पोर्टल इस्तेमाल किया गया है। साथ ही पीएचडी, प्रोफेसरों ऑफ प्रैक्टिस को नई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, जो उम्मीदवारों के लिए जानना बेहद आवश्यक है।
नई गाइडलाइन के तहत शोधार्थी की ओर से थीसिस जमा कर दी जाएगी। जिसमें 6 महीने के भीतर वायवा कराना अनिवार्य होगा। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार यह जिम्मेदारी संबंधित विश्वविद्यालय की होगी। पहले फाइनल वायवा 1 से 2 साल तक भी कराया जाता था।
इससे पूर्व पीएचडी के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई थी। इसके तहत इन पीएचडी प्रवेश योग्यता कार्यक्रम की अवधि और मूल्यांकन के लिए मानदंड पर प्रस्ताव तैयार किए गए। अब पीएचडी स्कॉलर के मार्गदर्शन पर भी स्पष्टीकरण जारी कर दिया गया है।
अगले एकेडमी क्षेत्र में 4 वर्षीय बैचलर डिग्री कोर्स लागू किया जा रहा है। प्रोफेसर प्रैक्टिस के तहत आने वाले प्रोफेसर स्टूडेंट को इंडस्ट्री की प्रैक्टिस नालेज से अवगत कराएंगे।
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