विपरीत राजयोग कर्क राशि के जातकों के लिए लकी साबित होगा।यह राजयोग अनुकूल परिणाम देने वाला रहेगा।निवेश और निर्यात-आयात उद्यमों में सफलता का अनुभव देगा।
Viprit Rajyog की खबरें
राजयोग का निर्माण तब होता है, जब छठे और 12वें भाव के स्वामी एक दूसरे से संबंध स्थापित करते हैं। ऐसा तब होता है जब छठे घर का स्वामी आठवें और बारहवें भाव के स्वामी के साथ संबंधित हो, वहीं तीसरे घर में छठे के स्वामी की अंतर्दशा के प्रभाव से इस राजयोग का निर्माण होता है।
इसी बीच मिथुन राशि में सूर्य और बुध की युति देखने को मिल रही है। सूर्य और बुध की युति से एक तरफ जहां मिथुन राशि को बुद्धादित्य राजयोग का लाभ मिल रहा है। दूसरी तरफ विशेष राजयोग का निर्माण हो रहा है। जिसका लाभ 4 राशियों के जातकों को मिलेगा।
वैदिक ज्योतिष में कई तरह के राजयोग का निर्माण बताया गया है। हालांकि एक राजयोग ऐसा है जो राजयोग ना होकर भी राजयोग के सामान्य जातकों के जीवन में फल देता है। ऐसे ही राजयोग का नाम है विपरीत राजयोग। जिस व्यक्ति की कुंडली में विपरीत राजयोग का निर्माण होता है, उन्हें सफलता मिलती है। साथ ही प्रतिष्ठा पद सम्मान में वृद्धि होती है।
ग्रहों के राशि परिवर्तन के साथ ही 20 वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर से महाकेदार योग का निर्माण हो रहा है।केदार योग तब निर्मित होते हैं, जब चार भावों में 7 ग्रह की स्थिति हो जाए। ऐसे में इसका असर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वही सभी राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है।
24 जून को बुध के मिथुन राशि में गोचर के साथ ही एक बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। पंच महापुरुष राजयोग में शामिल भद्र राजयोग का निर्माण बुध की राशि परिवर्तन से होगा। भद्र राजयोग का लाभ इन राशियों को मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें धन लाभ के साथ व्यापार और करियर में सफलता प्राप्त होगी।
Astrology Viprit Rajyog: इस राजयोग का निर्माण तब होता है, जब किसी कुंडली में छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी अन्य दो ग्रहों के साथ युति में किसी एक स्थान पर शामिल होते हैं। ऐसे में वह विपरीत राजयोग का निर्माण करते हैं।
Astrology Mul trikon Rajyog: ग्रहों के गोचर से कई महत्वपूर्ण राजयोग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शनि वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। 17 जून को होने वाले शनि गोचर के कारण 3 नए राजयोग का लाभ जातकों को मिलेगा। इससे पहले बुध का गोचर देखने को मिला है। वहीं 24 जून को एक बार फिर से अपने राशि परिवर्तन करेंगे।
Astrology Rajyog 2023 : वैदिक ज्योतिष में वर्तमान समय में बिक्री विपरीत राज्यों का प्रभाव अच्छा देखा जा सकता है। यह राजयोग कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी द्वारा बनाया जाता है। कुंडली के छठे आठवें और बारहवें भाव के स्वामी, छठे आठवें और बारहवें भाव में ही मौजूद होते ही इस राजयोग का निर्माण होता है।
Hans Rajyoga : गुरु ग्रह मेष राशि में उदय हो हुए है, गुरु के मेष राशि में उदय होने से हंस राजयोग का निर्माण हुआ है।