चैटजीपीटी 10 जून 2025 को सुबह 9:22 बजे IST से डाउन हुआ, जिससे यूजर्स को वेब और मोबाइल ऐप पर दिक्कत हुई। डाउनडिटेक्टर पर 22,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, जिसमें यूजर्स ने लॉगिन और चैट रिस्पॉन्स में समस्याएं बताईं। ओपनएआई ने अपने स्टेटस पेज पर बताया कि चैटजीपीटी और API में “एलीवेटेड एरर रेट्स” थे।
कंपनी ने 11:00 बजे IST तक फिक्स लागू किया और सर्विसेज को मॉनिटर करना शुरू किया। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मीम्स शेयर कर अपनी निराशा जताई। इस आउटेज ने न केवल आम यूजर्स, बल्कि API पर निर्भर बिजनेस को भी प्रभावित किया। चैटजीपीटी की 30 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स की संख्या इसे ग्लोबल लेवल पर अहम बनाती है। ओपनएआई ने कहा कि ये दिक्कत हाई ट्रैफिक और सर्वर लोड की वजह से थी। 2024 और 2025 में पहले भी ऐसे आउटेज हुए, जैसे 4 जून और 26 दिसंबर 2024 को। कंपनी ने भरोसा दिया कि वो विश्वसनीयता बढ़ाने पर काम कर रही है, लेकिन बार-बार की समस्याएं सवाल खड़े करती हैं।

क्या हुआ आउटेज का कारण?
ओपनएआई के मुताबिक, आउटेज का कारण सर्वर पर “अनएक्सपेक्टेड ट्रैफिक सर्ज” था, जिसने सिस्टम को ओवरलोड किया। स्टेटस पेज पर 9:22 बजे IST से शुरू हुई दिक्कत की जांच शुरू हुई। यूजर्स को “बैड गेटवे” या “इंटरनल सर्वर एरर” जैसे मैसेज मिले। कुछ यूजर्स ने बताया कि मोबाइल ऐप पर चैटजीपीटी आंशिक रूप से काम कर रहा था, लेकिन वेब पूरी तरह डाउन था। डाउनडिटेक्टर ने भारत, अमेरिका और यूके से हजारों शिकायतें दर्ज कीं। ओपनएआई ने 1:55 बजे IST तक सर्विस बहाल करने का दावा किया।
यूजर्स और बिजनेस पर पड़ा प्रभाव
इस आउटेज ने चैटजीपीटी पर निर्भर स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और बिजनेस को प्रभावित किया। API यूज करने वाली कंपनियों को प्रोजेक्ट्स में देरी हुई। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मीम्स के जरिए अपनी परेशानी जताई, जैसे “चैटजीपीटी डाउन है, अब दिमाग इस्तेमाल करना पड़ेगा।” X पर #ChatGPTDown ट्रेंड किया, जहां यूजर्स ने वैकल्पिक चैटबॉट्स जैसे Google Gemini और Claude की सलाह दी। 2024 में चैटजीपीटी के 25 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स होने का दावा रॉयटर्स ने किया था, जो इसकी अहमियत दिखाता है।