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Fri, Dec 5, 2025

क्या होता है जैमर? कहां किया जाता है इसका इस्तेमाल और क्यों इसे माना जाता है गैरकानूनी?

Written by:Rishabh Namdev
क्या आप जानते हैं कि जैमर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो अपने आसपास की वायरलेस रेज में परेशानी पैदा कर देता है। कई जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। चलिए जानते हैं कि यह किस कारण और किन स्थानों पर इस्तेमाल किया जाता है।
क्या होता है जैमर? कहां किया जाता है इसका इस्तेमाल और क्यों इसे माना जाता है गैरकानूनी?

क्या आप ने कभी जैमर के बारे में सुना है? यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो अपने आसपास की वायरलेस रेज में समस्या खड़ी कर देता है। आमतौर पर यह डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी पर सिग्नल या शोर भेजता है, जिन पर मोबाइल कॉल, वाई-फाई, जीपीएस और अन्य वायरलेस सेवाएं काम करती हैं। कई जगहों पर इसका इस्तेमाल आवश्यक होता है, लेकिन कुछ जगह ऐसी भी होती हैं जहाँ इस तरह के सिस्टम को एक्टिव करना बैन माना जाता है।

बता दें कि जब जैमर को एक्टिव किया जाता है तो असली नेटवर्क सिग्नल कमजोर हो जाता है। कई बार ऐसे इलाकों में फोन कॉल कटने लगते हैं, इंटरनेट भी बेहद धीमा पड़ जाता है और कई बार तो इंटरनेट बंद ही हो जाता है। इतना ही नहीं, जैमर का असर नेविगेशन पर भी पड़ता है।

कहां किया जाता है इसका इस्तेमाल?

अक्सर इस सिस्टम का इस्तेमाल वीवीआईपी सुरक्षा के समय या संवेदनशील स्थलों पर किया जाता है। इसका मकसद होता है कि अनचाही या खतरनाक कम्युनिकेशन को अस्थाई रूप से रोका जा सके। कई बार विश्वविद्यालयों में भी इसका इस्तेमाल देखा जाता है ताकि स्टूडेंट्स ज्यादा मोबाइल कनेक्टिविटी का उपयोग न करें और अपना ज्यादातर समय पढ़ाई पर लगाएं। इन डिवाइसों से मोबाइल कनेक्टिविटी और वायरलेस सर्विसेज प्रभावित हो जाती हैं। आपने देखा होगा कि बड़ी यूनिवर्सिटीज में मोबाइल सिग्नल बेहद धीमा हो जाता है और कई बार नेटवर्क में दिक्कत आती है।

क्या इसका इस्तेमाल गैरकानूनी है?

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जैमर का इस्तेमाल करना हर किसी के लिए सही नहीं है। यह कई जगहों पर गैरकानूनी भी माना जाता है। घर पर जैमर लगाना न सिर्फ गलत है बल्कि कई देशों में यह गैरकानूनी माना गया है क्योंकि जैमर सार्वजनिक संचार सेवाओं को बाधित करता है और इससे बड़ी समस्याएँ खड़ी हो सकती हैं। कई आपातकालीन एजेंसियों की स्थितियों में भी जैमर नेटवर्क में दिक्कत पैदा कर सकता है, इसलिए अधिकांश देशों में केवल आधिकारिक अनुमति मिलने पर ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

अगर आप प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं तो जैमर लगाना सही विकल्प नहीं है। इसके बजाय आप वाई-फाई सेटअप को मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसी चीज़ों से सुरक्षित रख सकते हैं। जैमर पब्लिक नेटवर्क में भी समस्या पैदा करता है।