जेनसेन ह्वांग ने हाल ही में एक बयान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बाद अगले ट्रिलियन डॉलर के विकास के अवसर की पहचान की है। उनका मानना है कि रोबोटिक्स और ऑटोमेटेड मशीनरी (Autonomous Machines) अगला बड़ा टेक सेक्टर बनने जा रहा है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
अब अगला ट्रिलियन डॉलर का बाजार रोबोटिक्स और ऑटोमेटेड मशीनरी का है। यह वह टेक्नोलॉजी है जिसमें खुद चलने वाली कारें, ड्रोन्स और मशीन से काम करने वाले रोबोट्स आते हैं। उनका कहना है कि जैसे AI ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा बदलाव लाया, वैसे ही अब ये मशीनें भी हर सेक्टर में बड़ा असर डालेंगी। इसमें फैक्ट्री, ट्रांसपोर्ट, अस्पताल और घरों तक शामिल हैं।

रोबोटिक्स कैसे बदल रहे हैं भविष्य की दुनिया
ह्वांग ने बताया कि आज दुनियाभर में इस तकनीक में तेजी से पैसा लगाया जा रहा है। टेस्ला और वायमो जैसी कंपनियां सेल्फ-ड्राइविंग कारें बना रही हैं, तो कई कंपनियां डिलीवरी ड्रोन्स और गोदामों में सामान उठाने वाले रोबोट्स पर काम कर रही हैं। एनवीडिया की बनाई चिप्स इन सभी मशीनों में सबसे जरूरी हिस्सा बन गई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरा सेक्टर 2030 तक करीब 5 ट्रिलियन डॉलर का बाजार बन सकता है, जो किसी भी देश की जीडीपी जितना बड़ा होगा।
एनवीडिया की भूमिका
AI में पहले से ही लीड कर रही एनवीडिया अब रोबोटिक्स को भी नई दिशा देने में जुटी है। उनकी खास चिप्स और प्लेटफॉर्म जैसे NVIDIA Jetson और NVIDIA DRIVE इन स्मार्ट मशीनों को तेज और समझदार बना रहे हैं। ये तकनीक सेल्फ-ड्राइविंग कारों और इंडस्ट्री के लिए खासतौर पर बनाई गई है। ह्वांग का मानना है कि आने वाले 10 सालों में ये तकनीक हर देश और हर कंपनी के लिए जरूरी बन जाएगी।
इस नई तकनीक से मिलेंगे रोजगार, प्रोडक्टिविटी और आर्थिक फायदे
रोजगार से लेकर बचत तक, इस नई तकनीक के कई फायदे सामने आ सकते हैं। इससे नए काम के मौके बनेंगे, साथ ही काम करने की रफ्तार और क्षमता में भी इजाफा होगा। कई क्षेत्रों में खर्च कम होगा और नुकसान की संभावना भी घटेगी। हालांकि, इस तकनीक के साथ कुछ चुनौतियां भी जुड़ी हैं, जैसे मशीनों पर नियंत्रण रखना, उनके गलत इस्तेमाल को रोकना और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। लेकिन ह्वांग का कहना है कि एनवीडिया इन मुद्दों से निपटने के लिए सरकारों और कंपनियों के साथ मिलकर गंभीरता से काम कर रही है।