ओपनएआई की ओर से दुनिया भर के चैट GPT यूजर्स को एक अहम सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है। दरअसल यह वार्निंग डेटा ब्रीच को लेकर है। इसके पीछे की वजह Mixpanel नाम की एक थर्ड-पार्टी एनालिटिक्स कंपनी है। इस कंपनी का इस्तेमाल ओपनएआई अपने API प्लेटफॉर्म के लिए करती है। जैसे ही यह खबर यूजर्स के बीच पहुंची तो यूजर्स में चिंता बढ़ गई। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इससे निजी जानकारी लीक हुई है। हालांकि इसे लेकर ओपनएआई की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि पूरी घटना केवल Mixpanel के सिस्टम में हुई है। इससे ओपनएआई के सर्वरों या चैट GPT के स्ट्रक्चर को कोई भी हानि नहीं पहुंची है।
कंपनी की ओर से यह अलर्ट सभी यूजर्स के लिए जारी किया गया है। कंपनी का कहना है कि किसी भी तरह की गलतफहमी न हो इसलिए सभी यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया गया है। ओपनएआई के मुताबिक जो भी जानकारी लीक हुई है, वह सिर्फ API प्लेटफॉर्म से जुड़ी एनालिटिक्स डेटा की जानकारी है।
क्या सभी यूजर्स की जानकारी लीक हुई?
कंपनी की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि लीक हुई जानकारी में किसी भी प्रकार से यूजर की चैट हिस्ट्री, पासवर्ड, API की, पेमेंट डेटा, सरकारी दस्तावेज या उपयोग लॉग्स लीक नहीं हुए हैं। और इसका इस्तेमाल जो यूजर्स रोजाना करते हैं या ज्यादातर करते हैं, उन्हें इससे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा है। कंपनी ने API यूजर्स को सतर्क रहने की सलाह दी है। कंपनी के मुताबिक किसी भी संदिग्ध ईमेल या मैसेज पर भरोसा नहीं करना चाहिए। सिर्फ ओपनएआई के ऑफिशियल डोमेन से आए मैसेज को ही आधिकारिक मानें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें और पासवर्ड, API की या संवेदनशील जानकारी ईमेल या मैसेज के जरिए शेयर ना करें। मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को हमेशा ऑन रखें और अपने ऑर्गेनाइजेशन ID या सर्वर की जानकारी शेयर करने से बचें।
डेटा ब्रीच कैसे हुआ?
हालांकि इसके बाद सभी के मन में यह सवाल उठने लगा कि आखिर डेटा ब्रीच कैसे हुआ। जानकारी के मुताबिक Mixpanel को 9 नवंबर को इसकी जानकारी मिली। दरअसल एक हैकर ने Mixpanel के सिस्टम के एक हिस्से में अनऑथराइज्ड एक्सेस हासिल किया और वहां से कुछ एनालिटिक्स डेटा एक्सपोर्ट किया। इसके बाद 25 नवंबर को Mixpanel ने यह पूरा प्रभावित डेटा ओपनएआई को सौंपा। जैसे ही डेटा ओपनएआई को मिला, ओपनएआई ने तुरंत सुरक्षा नोटिस जारी कर दिया। हालांकि चेतावनी सभी यूजर्स को भेजी गई, लेकिन इसका मकसद सिर्फ API यूजर्स थे और इन यूजर्स को अलग से विस्तृत जानकारी भी भेजी गई थी।





