स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं, लेकिन हैकर्स के लिए भी ये आसान टारगेट हैं। अगर कोई आपके फोन की स्क्रीन रिकॉर्ड कर रहा है, तो आपकी पर्सनल जानकारी, जैसे पासवर्ड्स या चैट्स, खतरे में पड़ सकती है। कुछ आसान संकेतों से आप इस जासूसी का पता लगा सकते हैं।
आजकल हैकर्स स्पाइवेयर या रिमोट एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल करके फोन की हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं। अगर आपका फोन अचानक धीमा हो जाए, बैटरी तेजी से खत्म हो, या अनजान ऐप्स दिखें, तो ये स्क्रीन रिकॉर्डिंग के संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा, फोन में अजीब सी आवाजें या ग्रीन/ऑरेंज लाइट का बार-बार जलना भी खतरे की घंटी है। ऐसे में तुरंत एक्शन लेना जरूरी है।

फोन में दिखने वाले अजीब संकेत
फोन का अचानक स्लो होना या बैटरी का तेजी से ड्रेन होना स्क्रीन रिकॉर्डिंग का अलर्ट हो सकता है। इसके अलावा, अनजान ऐप्स का अपने आप इंस्टॉल होना भी खतरे की निशानी है। अपने फोन को सिक्योर रखने के लिए रेगुलर चेकअप जरूरी है। अगर आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ है, तो तुरंत साइबर एक्सपर्ट से मदद लें और फोन को स्कैन करें। हैकर्स फिशिंग लिंक्स, फेक ऐप्स, या मालवेयर के जरिए फोन में सेंध लगाते हैं। अगर फोन कॉल के दौरान क्लिकिंग जैसी आवाजें आएं या माइक/कैमरा लाइट अपने आप जलने लगे, तो ये जासूसी का साफ इशारा है। भारत में हर तीसरा स्मार्टफोन यूजर साइबर अटैक का शिकार बन सकता है। ऐसे में अपने ऐप परमिशन्स को चेक करें, अनजान लिंक्स से बचें, और फोन को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर पर अपडेट रखें।
स्क्रीन रिकॉर्डिंग के बड़े संकेत
स्क्रीन रिकॉर्डिंग का एक बड़ा लक्षण है फोन का बैकग्राउंड में अपने आप काम करना। अगर डेटा यूजेज अचानक बढ़ जाए या फोन बिना यूज के गर्म हो, तो हैकिंग की आशंका है। कुछ फोन्स में ग्रीन या ऑरेंज लाइट माइक/कैमरा एक्टिव होने पर जलती है, जो जासूसी का अलर्ट देती है। 60% हैकिंग केस में यूजर्स को शुरू में कोई शक नहीं होता। अगर आपको अनजान ऐप्स या अजीब पॉप-अप्स दिखें, तो तुरंत उन्हें डिलीट करें और फोन को स्कैन करें।
फोन को सिक्योर रखने के प्रैक्टिकल टिप्स
अपने डिवाइस को हैकर्स से बचाने के लिए कुछ बेसिक स्टेप्स बहुत काम आते हैं। हर ऐप की परमिशन्स को चेक करें और जो जरूरी न हो, उसे ब्लॉक करें। दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखें और पासवर्ड्स को हर 3 महीने में चेंज करें। अगर आपको लगता है कि फोन हैक हो गया है, तो वाई-फाई बंद करें और फैक्ट्री रीसेट करें। साइबर एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि फोन में रेगुलर मालवेयर स्कैनर यूज करें और अनजान वेबसाइट्स से बचें। ये छोटे कदम आपकी डिजिटल प्राइवेसी को सेफ रख सकते हैं।