गूगल का ये फीचर करेगा सेंसटिव कंटेंट को ऑटोमेटिकली ब्लर, जानिए पूरी जानकारी!

अब गूगल मैसेज में एक और नया सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग फीचर जोड़ा गया है। यह फीचर आपत्तिजनक तस्वीरों को खुद-ब-खुद ब्लर कर देगा ताकि बच्चे और किशोर अश्लील कंटेंट से सुरक्षित रह सकें।

गूगल की ओर से समय-समय पर कुछ नए फीचर्स जोड़े जाते हैं ताकि यूजर्स को नया एक्सपीरियंस मिल सके। इसके अलावा सिक्योरिटी के लिहाज से भी गूगल नए फीचर्स को जोड़ता है। हाल ही में गूगल अपने मैसेजिंग एप गूगल मैसेज में एक नया फीचर लॉन्च करने वाला है, जिसे सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग कहा जा रहा है। इस फीचर की मदद से अगर कोई आपत्तिजनक या अश्लील तस्वीर भेजी जाती है तो गूगल की ओर से उसे ऑटोमेटिकली ब्लर कर दिया जाएगा।

खासतौर पर इस फीचर को बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है ताकि बच्चे इस फीचर की मदद से सुरक्षित रह सकें और उनके पास ऐसा कंटेंट न पहुंचे। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट की मानें तो 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए यह फीचर अपने आप ऑन हो जाएगा, जबकि 18 साल से ऊपर के यूजर्स चाहें तो इसे सेटिंग्स में जाकर ऑन कर सकते हैं।

जानिए कैसे करेगा काम

इसे लेकर गूगल की ओर से नाबालिगों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। एक, सुपरवाइज्ड यूजर, जिनके अकाउंट्स पैरेंट्स कंट्रोल करते हैं। ऐसे अकाउंट्स में इस फीचर को बंद नहीं किया जा सकता, हालांकि पैरेंट्स फैमिली लिंक एप से इन फीचर्स को कंट्रोल कर सकते हैं। जबकि दूसरी कैटेगरी अनसुपरवाइज्ड टीन्स की है, जिनमें 13 से 17 साल के बच्चे आते हैं और जिनके अकाउंट्स उनके खुद के पास हैं। ये यूजर्स चाहें तो इसे अपने गूगल अकाउंट की सेटिंग्स में जाकर बंद कर सकते हैं।

दो कैटिगरी में बांटा गया

अब यहां समझना जरूरी है कि आखिर गूगल का यह फीचर कैसे काम करता है। दरअसल, यह फीचर दो तरीकों से काम करेगा। पहले, अगर कोई अश्लील तस्वीर रिसीव होती है तो यह तस्वीर अपने आप धुंधली हो जाएगी और यूजर के पास यह ऑप्शन होगा कि तस्वीर को देखने से पहले ही डिलीट कर दें या फिर तस्वीर भेजने वाले को ब्लॉक कर दें। इतना ही नहीं, स्पेशलीज में अगर यूजर चाहे तो ब्लर तस्वीर देख भी सकते हैं। अगर देखने के बाद पछताएं तो “Remove Preview” टैप करके दोबारा उसे धुंधला भी किया जा सकता है।

जबकि दूसरे तरीके में, अगर कोई तस्वीर भेजना या फॉरवर्ड करना जा रहा है और तस्वीर में कोई न्यूडिटी है तो सिस्टम आपको पहले चेतावनी देगा। सिस्टम यह बताएगा कि ऐसे कंटेंट भेजना रिस्की हो सकता है और आपसे परमिशन मांगी जाएगी। दरअसल, इस फीचर की सबसे खास बात यह है कि यह सारा प्रोसेस फोन के अंदर ही होता है। इसका मतलब है कि आपकी तस्वीर या निजी डेटा गूगल के सर्वर पर नहीं भेजा जाता। यह एंड्रॉयड के सेफ्टी कोर सिस्टम का इस्तेमाल करता है। ऐसे में यह फीचर तभी एक्टिव होता है जब कोई ऐप गूगल मैसेज की अनुमति लेता है। रिपोर्ट की मानें तो यह फीचर सिर्फ तस्वीरों पर ही काम करता है, वीडियो पर नहीं। अगर आपको यह फीचर अभी नहीं दिख रहा है तो जल्दी ही आपके डिवाइस पर यह शुरू कर दिया जाएगा।


About Author
Ronak Namdev

Ronak Namdev

मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

Other Latest News