मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप पीने से 16 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। जिसके बाद प्रदेशभर सहित उमरिया में दवा जांच का अभियान शुरू किया गया था। सरकार ने सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए थे कि वे मेडिकल दुकानों की नियमित जांच करें और अमानक दवाओं की बिक्री पर सख्ती बरतें, लेकिन उमरिया में कुछ ही नजारा देखने को मिला। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामला सिर्फ औपचारिकता तक सीमित रह गया है।
सबसे पहले हम आपको बता दें कि दो साल बीतने के बाद औषधि निरीक्षक शासन का आदेश मिलने के बाद पहली बार उमरिया जिले पहुंचीं। इस दौरान निरीक्षक ने मेडिकल संचालकों को बंद कमरे में बुलाकर बैठक की और कुछ दिशा-निर्देश दिए।
कागजों पर कार्रवाई
जिले में कई मेडिकल दुकानों पर अमानक और नकली दवाओं की बिक्री पहले की तरह जारी है। लोगों का कहना है कि औषधि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागजों पर कार्रवाई दिखाते हैं। इससे आम जनता की सेहत पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि जिस कफ सिरप के कारण छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत हुई थी, उसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले तत्व की मौजूदगी पाई गई थी। इसके बाद सरकार ने राज्यभर में सभी दवा दुकानों की जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन उमरिया में यह अभियान आधा-अधूरा सा है।
लिए गए सैंपल
मेडिकल संचालकों के अनुसार, औषधि निरीक्षक ने कुछ दुकानों के सैंपल जरूर लिए और कुछ दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई, लेकिन यह कार्रवाई बहुत सीमित दायरे में रही। विभाग की यह सुस्ती छिंदवाड़ा जैसी घटना को दोहराने का खतरा बढ़ा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि औषधि निरीक्षक का फोकस जांच से ज्यादा दवा विक्रेताओं के साथ बैठक और चर्चा में रहा। कई दुकानों पर तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए पहुंचा गया, जबकि जिले में नकली दवाओं का जाल लगातार फैलता जा रहा है।
औषधि निरीक्षक ने कही ये बात
हालांकि, मीडिया के दखल के बाद निरीक्षक ने कुछ मेडिकल दुकानों पर जाकर सैंपल लिए और प्रतिबंधित दवाओं को जब्त किया। प्रभारी औषधि निरीक्षक प्रियंका चौबे ने बताया कि जिले में अमानक दवाओं पर निगरानी रखी जा रही है। आगे और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि जिले भर में फैले नकली और अमानक दवाई के मकड़जाल में आम जनता हर रोज फंसती जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी सरकारी आदेशों को जेब में रखकर दवा संघ की आवभगत में अधिक ध्यान दे रहे हैं।
उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव





