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Fri, Dec 5, 2025

ठगों के निशाने पर लाड़ली बहना, जनपद पंचायत का सरकारी आदेश बना मददगार, पढ़ें पूरी खबर

Written by:Atul Saxena
ग्रामीणों को जब शक हुआ तो उन्होंने इसका पता लगाने की कोशिश की, पंचायत फोन लगाया तो पंचायत इंस्पेक्टर ने कह दिया दे दीजिये 50 रुपये और प्लेट लगवा लीजिये, ऊपर से ही आदेश है।
ठगों के निशाने पर लाड़ली बहना, जनपद पंचायत का सरकारी आदेश बना मददगार, पढ़ें पूरी खबर

मध्य प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) पर ठगों की नजर जम गई है, बिहार से आये ठगों के निशाने पर मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनें आ गई है, वे घर घर जाकर सर्वे के नाम पर वसूली कर रहे हैं, खास बात ये है कि ऐसा वो एक सरकारी आदेश की मदद से कर रहे हैं जो जनपद पंचायत करकेली की सीईओ ने निकाला है, मामले का खुलासा होने के बाद अब उमरिया जिले के वरिष्ठ अधिकारी जाँच और कार्रवाई की बात कर रहे हैं।

उमरिया जिले की लाड़ली बहनें इन दिनों दूसरे प्रदेश से आए ठगों के निशाने पर है और उन्हें सरकारी योजनाओं का लालच देकर वसूली हो रही है। घरों के बाहर नंबर प्लेट लगाने के बहाने  बिहार से आये ठग गोरखधंधे का मकड़जाल फैलाए हुए हैं बड़ी बात ये है कि पूरा सरकारी सिस्टम ठगों के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है।

लाड़ली बहना ठगों के निशाने, पर हो रही वसूली 

इस पूरे गड़बड़झाले को सही और सरकारी साबित करने में जनपद पंचायत करकेली की सीईओ हरनीत कौर कलसी के हस्ताक्षर से जारी आदेश सुर्खियों में है जिसके बहाने ठग सरपंच,सचिव और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर खुलेआम गरीबों से वसूली कर रहे हैं। सरकारी अफसरों के साथ ठग गावों में पहुंच रहे हैं लाड़ली बहना में नाम जुड़वाने और एनी योजनाओं का लाभ दिलवाने के नाम पर प्लेट लगा रहे हैं और वसूली कर रहे हैं।

जनपद सीईओ का आदेश, ठगों को खुली छूट   

आदेश में सीईओ ने लाड़ली बहना सहित शासन की अन्य योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए ग्रामीणों के घर के बाहर एक प्लेट लगाने का आदेश जारी किया है, इस आदेश में प्रति प्लेट 50 रुपये गृह स्वामी से वसूलने के निर्देश हैं और जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है उनका नाम है जो बिहार से हैं।  ख़ास बात सीईओ ने ये आदेश सरपंच और सचिव को दिए है यानि योजनाओं के नाम की प्लेट लगाने औ रिसके बदले पैसे लेने का सरकारी आदेश बाकायदा जारी हुआ है।

50 रुपए में लगा रहे योजनाओं के नाम लिखी प्लेट 

कुछ समझदार ग्रामीणों को जब शक हुआ तो उन्होंने इसका पता लगाने की कोशिश की, पंचायत फोन लगाया तो पंचायत इंस्पेक्टर ने कह दिया दे दीजिये 50 रुपये और प्लेट लगवा लीजिये, ऊपर से ही आदेश है। ग्रामीणों का कहना है कि जब पंचायत इंस्पेक्टर ही कह रहे है तो फिर हम कैसे मना कर सकते हैं?

बिहार से आये युवक कर रहे वसूली 

सोचने वाली बात है जब पूरा सरकारी सिस्टम साथ हो तो भला गरीब झांसे में आने से कैसे बच सकता है। खासबात ये कि जिले के करकेली और पाली दोनों जनपद के लगभग पांच सौ गांव में इस गोरखधंधे को चलाने की जिम्मेदारी बिहार के कुछ लोगों को है जिसकी जानकारी जनपद पंचायत करकेली द्वारा जारी पत्र कलेक्टर से लेकर जिला सीईओ को आदेश की प्रतिलिपि से जान पड़ता है,  बाबजूद इसके हैरानी ये कि किसी ने इसे रोकने की हिम्मत नहीं की।

जाँच के बाद निरस्त होगा जनपद सीईओ का आदेश  

जब पोल खुली तो जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया  ने कहा कि अभी लाड़ली बहना का कोई सर्वे नहीं चल रहा, ना ही ऐसा कोई आदेश है, जो भी लोग गाँव में गतिविधि कर रहे हैं वो गलत है मेरे संज्ञान में ये बात आई है मैं इसका पता लगा रहा हूँ, और जो भी भ्रम फैला रहे हैं उनके विरुद्ध एक्शन लिया जायेगा, जिला पंचायत सीईओ ने जनपद सीईओ द्वारा जारी आदेश की भी जाँच की बात कही और कहा कि ये किस नियम के तहत जारी हुआ पता लगाया जायेगा, नियम विरुद्ध हुआ तो निरस्त किया जायेगा।

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट