मध्य प्रदेश पशु पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कृतिम गर्भाधान से जुड़े स्टाफ के लिए प्रतिदिन का टारगेट फिक्स किया है जिससे शासन के आदेश का पालन हो सके लेकिन उमरिया में अधिकारियों के आदेश का विरोध हो रहा है, उमरिया पशु पालन विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी आदेश को अफसरों की मनमानी बता रहे हैं।
मध्य प्रदेश सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ उमरिया ने पशु पालन विभाग के अधिकारियों के आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, फील्ड स्टाफ में पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों ने आदेश के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
आदेश को अव्यवहारिक और गैर तकनीकी बताया
ज्ञापन में अधिकारियों के आदेश को अव्यवहारिक गैर तकनीकी बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गई है, विरोध कर रहे स्टाफ ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान एक तकनीकी कार्य है साथ ही ये पशु की प्राकृतिक शारीरिक अवस्था पर निर्भर करता है, इसलिए उसे हिसाब से किया जाना उचित होता है।
कृत्रिम गर्भाधान एक तकनीकी कार्य
संघ के जिला अध्यक्ष अमर सिंह ठाकुर और संरक्षक पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि विभाग के अधिकारी कृत्रिम गर्भाधान प्राकृतिक कार्य को दबाव बनाकर पूरा कराना चाहते हैं, अधिकारियों ने 10 से 20 कृत्रिम गर्भाधान प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित किया है जो व्यवहारिक नहीं है।
कागजों पर लक्ष्य हासिल करने के आरोप
स्टाफ ने कहा पशु जब हीट (गर्भ धारण करने की अवस्था) पर आता है तभी उसका कृत्रिम गर्भाधान किया जाना संभव है, इसके अलावा जन पशुपालक कहेगा तभी ये कराया जा सकता है, आरोप लगाते हुए इन लोगों ने कहा कि अधिकारी चाहते हैं कि कागजों पर लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए लेकिन ये उचित नहीं है।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





