सकारात्मक पत्रकारिता करने वाली MP Breaking News की खबर का एक बार फिर असर हुआ है, उमरिया जिले में एक महिला के साथ मारपीट करने के आरोपी दो पुलिसकर्मियों को एसपी विजय भागवानी ने लाइन अटैच कर दिया है, दर्द से कराहती रोती हुई महिला ने जब एसपी को आपबीती सुनाई तो एसपी ने जाँच के आदेश दिए लेकिन खबर सर्कुलेट होने के कुछ समय बाद ही एक्शन लेते हुए एसपी ने आरोपी एसआई लखन सिंह और आरक्षक भूपेंद्र सिंह को लाइन अटैच कर दिया, माना जा रहा है कि जाँच के बाद इस मामले में बड़ा एक्शन हो सकता है।
जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम जनता किस पर भरोसा करेगी, जहां पुलिस का नारा है देशभक्ति जन सेवा लेकिन मध्य प्रदेश की खाकी पर आए दिन आरोप लग रहे हैं, अभी सिवनी जिले का पुलिस द्वारा किया गया हवाला लूट कांड थमा नहीं था कि उमरिया पुलिस का एक नया कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है जिले में चोरी के आरोपी को गिरफ्तार करने गई कोतवाली पुलिस की बर्बरता सामने आई घर की महिलाओं पर जमकर लाठियां बरसाई हैं, रोती बिलखती महिलाएं छोटे बच्चों को लेकर एस पी उमरिया से एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है, वही इस मामले में चौका देने वाली बात यह है कि इन पुलिस कर्मियों के साथ महिला पुलिस भी नहीं थीं, पुलिस अधीक्षक ने जांच कर एक्शन लेने का भरोसा दिया है।
मामला उमरिया जिला मुख्यालय के कोतवाली थाना क्षेत्र के खलेसर का है, जहां रात में चोरी के आरोपी को गिरफ्तार करने गई कोतवाली पुलिस ने घर की महिलाओं और अन्य लोगों के साथ जमकर मारपीट कर दी है, जिसमें महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई हैं, इस दौरान महिला पुलिस भी वहां मौजूद नहीं थीं, जिस कारण अब सवाल महिलाओं की सुरक्षा पर आ गया है कि रक्षक ही भक्षक बनकर खाकी को बदनाम कर रहे हैं। पीड़ितों ने पुलिस पर शराब पीकर मारपीट करने एवं पैसे मांगने का आरोप लगाया है।
पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
हाल ही में प्रदेश के सिवनी जिले में पुलिस ने हवाला कारोबारी से लूट कांड का कारनामा किया है, जिसके बाद लगातार पुलिस की छवि धूमिल होती जा रही है और अब उमरिया कोतवाली पुलिस ने एक नया कांड कर प्रदेश की पुलिस पर एक सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
SP के दिए जाँच के आदेश
इस मामले में एसपी विजय भागवानी ने जांच टीम गठित की है और कहा कि जांच के बाद एक्शन लिया जायेगा। उन्होंने कहा दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाये हैं जाँच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कौन दोषी है। बहरहाल जो भी हो खाकी पर जितनी सख्ती और संयम की जरूरत को लेकर कड़ाई कराई जा रही है उससे अधिक मामले प्रदेश में खाकी के दाग़ बढ़ते जा रहे हैं।
बड़ा सवाल महिला पुलिस क्यों नहीं थी?
जहां पूरे देश में दिवाली की तैयारी चल रही है तो वहीं उमरिया जिले की पुलिस का एक नया कारनामा कहीं ना कहीं पुलिस की कार्यप्रणाली को उजागर करता है अब सवाल यह उठता है कि जब आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस आरोपी के घर गई थी तो साथ में महिला पुलिस क्यों नहीं थी? महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार लाख दावे कर ले लेकिन महिलाओं के साथ बर्बरता यह दर्शाता है कि प्रदेश में अभी महिला सुरक्षित नहीं है क्या इन पुलिस कर्मियों पर भी सरकार कोई कार्रवाई करेगी?
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





