उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों को मर्ज करने और बंद करने के मुद्दे को आम आदमी पार्टी ने बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना लिया है। राज्यसभा सांसद और आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने सोमवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इसे “शिक्षा विरोधी मानसिकता” करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार बच्चों को शिक्षा से दूर कर रही है और शराब को बढ़ावा दे रही है।
संजय सिंह ने तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“यह बेहद शर्मनाक है कि जिस प्रदेश में लाखों बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, वहां हजारों स्कूल या तो बंद कर दिए गए हैं या जर्जर हालत में हैं। दूसरी तरफ, शराब की दुकानों की बाढ़ आ गई है। बच्चों के हाथ से किताब छीनकर बोतल पकड़ाई जा रही है।”
स्कूलों के आंकड़े
AAP सांसद ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि प्राथमिक स्तर पर 1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके अलावा, माध्यमिक स्तर पर 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक में 8,714 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि कई जिलों में ऐसे स्कूल चल रहे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक पूरे स्कूल को संभाल रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रयागराज जिले में ही 633 स्कूल खतरनाक घोषित किए जा चुके हैं, जिनकी इमारतें गिरने की कगार पर हैं। बावजूद इसके सरकार स्कूल बंद करने की तैयारी में जुटी है।
बंद हो चुके स्कूलो के आंकड़े
संजय सिंह ने कहा कि अब तक प्रदेश में 27,000 से अधिक सरकारी स्कूल बंद किए जा चुके हैं, और सरकार 5,000 और स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है। इसके पीछे सरकार यह दलील दे रही है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है। इस पर AAP नेता का कहना है कि
“बच्चों की संख्या इसलिए कम है क्योंकि सरकार ने वहां शिक्षक और बुनियादी सुविधाएं नहीं दीं। सरकार ने जानबूझकर स्कूलों को बर्बाद किया।”
शिक्षा पर खर्च घटा, शराब के ठेके बढ़े
आप सांसद ने आरोप लगाया कि जब सरकारी स्कूल बंद हो रहे थे, उसी दौरान सरकार ने प्रदेश में 27,308 शराब की दुकानें खोल दीं। उन्होंने कहा,
“सरकार को शिक्षा की नहीं, शराब के ठेकों की चिंता है। उत्तर प्रदेश में प्रति छात्र सालाना शिक्षा पर मात्र ₹9,167 खर्च किया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय औसत ₹12,768 है।”
संजय सिंह ने कहा कि यह सबकुछ उस सरकार के दौर में हो रहा है जो खुद को “डबल इंजन” सरकार बताती है। उन्होंने कहा कि आप पार्टी इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएगी। यूपी चुनाव 2027 में इसे एक मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगी।





