कर्नल सोफिया कुर्रेशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर अभद्र टिप्पणी, रामगोपाल यादव ने जातिसूचक शब्दों से किया संबोधित, योगी आदित्यनाथ का पलटवार

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "विंग कमांडर व्योमिका सिंह का अपमान केवल व्योमिका सिंह का ही नहीं बल्कि भारत की हर बेटी का अपमान है, जाति के आधार पर हमारी वीरांगना का अपमान कर समाजवादी पार्टी ने अपनी नीच मानसिकता और महिला विरोधी सोच को उजागर करने का काम किया है, यह नया भारत है जहां पहचान जाति से नहीं बल्कि क्षमता से होती है।

UP News : एक तरफ देश सेना के शौर्य के चर्चे कर रहा है, देश का नागरिक भारत की सैन्य ताकत को देखकर उसके दम पर हुए पाकिस्तान के हश्र की तारीफ कर रहा है दूसरी तरफ हमारे देश के बड़बोले नेता सेना का अपमान कर रहे हैं, मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुर्रेशी को लेकर की गई अमर्यादित टिप्पणी से मचा तूफ़ान अभी थमा भी नहीं था कि समाजवादी पार्टी के सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव  रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर जातिसूचक टिप्पणी कर दी जिससे बवाल मच गया है, योगी आदित्यनाथ ने इस पर पलटवार  किया है।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लेकर चर्चा में आईं विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, एक कार्यक्रम में मुरादाबाद पहुंचे सपा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली वायु सेना की कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है।

व्योमिका सिंह और एयर मार्शल की बताई जाति 

अपने संबोधन में रामगोपाल यादव ने पहले तो व्योमिका सिंह को दिव्या सिंह कहकर सम्बोधित किया फिज जब उन्हें टोका गया और नाम बताया गया तो उन्होंने व्योमिका सिंह कहकर उनकी जाति बताने लगे, उन्होंने कर्नल सोफिया कुर्रेशी पर भी टिप्पणी की इतना ही नहीं उन्होंने एयर मार्शल एके भारती को लेकर भी टिप्पणी की , सपा सांसद ने उन्हें पूर्णिया का निवासी बताते हुए उनकी जाति बताई।

योगी आदित्यनाथ बोले ये संकुचित सोच का प्रदर्शन है

रामगोपाल यादव की इस टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है, उन्होंने X पर लिखा- सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है। यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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